बालासोर हादसे की नई रिपोर्ट आई, जानिए रेलवे की तरफ से कितनी बड़ी लापरवाही हुई

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Balasore Train Accident: बालासोर ट्रेन हादसे की जांच के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने रिपोर्ट जारी की है। हालांकि ये रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई इसकी जांच अभी भी चल रही हैं। ये खबर इंडियन एक्सप्रेस ने छापी है। इस रिपोर्ट में उन सभी वजहों का जिक्र है, जिसके चलते हादसा हुआ और 293 लोगों की मौत हुई। बताया गया है कि कई लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग की बात भी सामने आई है। अगर खामियां नजरअंदाज नहीं की जातीं, तो हादसा रोका जा सकता था।

4 बिन्दुओं में समझिए रेलवे की तरफ से कितनी बड़ी लापरवाही हुई

  1. लेवल-क्रॉसिंग लोकेशन बॉक्स के अंदर तारों की गलत लेबलिंग थी जो कि सालों तक पकड़ में नहीं आई। उसके चलते ही मेंटेनेंस वर्क के दौरान गड़बड़ी हुई। जिसके चलते गलत फंक्शन इंडिकेट हो रहे थे।

2. हादसे के लिए मुख्य तौर पर सिग्नलिंग डिपार्टमेंट जिम्मेदार पाया गया। सिग्नलिंग कंट्रोल सिस्टम की गड़बड़ी का पता लगाने में विफल रहने के लिए स्टेशन मास्टर का नाम भी रिपोर्ट में लिखा गया है।

3. साइट पर सिग्नलिंग स्टाफ ने बताया कि हादसे वाले दिन लेवल क्रॉसिंग पर ‘इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर’ रिप्लेस करते समय टर्मिनल पर गलत लेबलिंग के चलते गड़बड़ी हुई। उन्होंने बताया कि ट्रेन को एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक तक ले जाने वाले पॉइंट के सर्किट को पहले ही शिफ्ट कर दिया गया था।

4. रिपोर्ट में लिखा गया है कि बालासोर के एक अन्य लोकेशन बॉक्स के डायग्राम का इस्तेमाल बहनागा बाजार के लोकेशन बॉक्स के लिए किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये एक गलत कदम था जिसके चलते गलत वायरिंग हुई। ये ही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस में मेन लाइन के लिए ग्रीन सिग्नल था लेकिन ‘पॉइंट’ या ट्रेन की डायरेक्शन डिसाइड करने वाला सिस्टम गलत तरीके से ‘लूप लाइन’ की ओर इशारा करता रहा जिससे दुर्घटना हुई.

लेबलिंग सिर्फ कागज पर बदली गई
आगे रिपोर्ट के अनुसार, 2015 में पूरा वायरिंग डायग्राम कागज पर बदला गया था और अप्रूव भी किया गया था। पता चला है कि लेबलिंग सिर्फ कागज पर बदली गई, फिजिकली नहीं। साल 2018 में पॉइंट की स्थिति का पता लगाने वाले सर्किट को लोकेशन बॉक्स के अंदर शिफ्ट कर दिया गया।  तब भी लेकिन इस बदलाव को ठीक से लेबल नहीं किया गया था। ना तो डायग्राम पर, ना ही केबल टर्मिनल रैक पर।

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