50 करोड़ लोगों को खत लिखकर आखिर क्या साबित करना चाहती मोदी सरकार?

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नई दिल्ली: पांच राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में मोदी सरकार अपने वोटरों को लुभाने के लिए कोई प्रयास छोड़ना नहीं चाहती लेकिन मोदी की जीत इन वोटरों पर जो उनके लिए अब समस्या बन चुके हैं। दरअसल, सितंबर में शुरू की गई देश की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम आयुष्मान भारत आखिर क्या है और लोगों को इसका लाभ कैसे मिलेगा ये 50 करोड़ की आबादी को मालूम ही नहीं।

जिन लोगों के लिए ये स्कीम लाई गई है वहीं लोग इस स्कीम का लाभ नहीं उठा पा रहे। ऐसे में मोदी सरकार ने एक उपाय निकालते हुए मोदी की तरफ से 10 करोड़ परिवारों को अब पत्र भेजे जाएंगे, जिसमें आयुष्मान भारत हेल्थ केयर स्कीम के बारे में बताया जाएगा।

इसकी जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य विनोद के पॉल ने बताया कि मोदीकेयर के सफल होने में सबसे बड़ी परेशानी वही 10 करोड़ परिवार या 50 करोड़ लोग हैं, जिनके लिए यह है। असल में उन्हें पता ही नहीं है कि स्कीम क्या है, इसका कैसा लाभ लेना है और वह इसके लिए पहले से ही रजिस्टर्ड हैं।

किन बीमारियों का होगा इलाज? 
इसमें इलाज के कुल 1,354 पैकेज हैं, जिसमें कैंसर सर्जरी और कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरपी, हार्ट बाइपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी और एमआरआई और सीटी स्कैन जैसे जांच शामिल हैं।

कैसे करें क्लेम? 
सरकार के पैनल में शामिल हर अस्पताल में ‘आयुष्मान मित्र हेल्प डेस्क’ होगा। वहां लाभार्थी अपनी पात्रता को डॉक्युमेंट्स के जरिए वेरिफाई कर सकेगा। इलाज के लिए किसी स्पेशल कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ लाभार्थी को अपनी पहचान स्थापित करनी होगी। पात्र लाभार्थी को इलाज के लिए अस्पताल को एक पैसे भी नहीं देने होंगे। इलाज पूरी तरह कैशलैश होगा।

कैसे जांचे आप स्कीम के अंतर्गत आते हैं या नहीं
योजना को संचालित करने वाली नैशनल हेल्थ एजेंसी (NHA) ने एक वेबसाइट और हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है, जिसके जरिए कोई भी यह जांच सकता है कि लाभार्थियों की फाइनल लिस्ट में उसका नाम शामिल है या नहीं। लिस्ट में अपना नाम जांचने के लिए आप mera.pmjay.gov.in वेबसाइट देख सकते हैं या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल कर सकते हैं।

अबतक कितनों को मिला फायदा
पॉल के मुताबिक, आयुष्मान भारत को लॉन्च हुए करीब एक महीना बीत चुका है। अबतक 112,000 लोगों ने इसका लाभ उठाया है, जिसपर कुल 146 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आया है। सरकार इसपर सालाना 120 अरब रुपये खर्च करने का प्लान बना चुकी है। अबतक 15,000 से ज्यादा प्राइवेट हॉस्पिटल इस स्कीम का हिस्सा बन चुके हैं।

नोट- बता दें कि सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना के डेटा के आधार पर निचले स्तर पर आनेवाले 40 प्रतिशत लोग आयुष्मान भारत का लाभ लेने के लिए खुद रजिस्टर हो चुके हैं, उन्हें अलग से कोई प्रकिया पूरी नहीं करनी है।

आपको बता दें पिछले दिनों आयुष्मान स्कीम के तहत मरीज के परिवार को अस्पताल से निकाल दिया गया था। मीडिया में खबर आने के बाद मालूम चला कि अस्पताल विभाग परिवार से पैसे की मांग करने लगा और जब परिवार ने नहीं दिए तो कहा मोदी से लेकर आओ फिर ईलाज करवाओ।

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