अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ड्रोन हमला करके अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) को मार गिराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने इसकी पुष्टि की है। जवाहिरी ने 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी।
इस हमले में तालिबानी गृहमंत्री शिराजुद्दीन हक्कानी के बेटे और एक रिश्तेदार के भी मारे जाने की खबरें हैं। अफगान मीडिया के मुताबिक हक्कानी ने ही अपने सुरक्षित ठिकाने पर तालिबानी सरगना को पनाह दे रखी थी। जवाहिरी की मौत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल पाकिस्तान की भूमिका को लेकर उठ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जवाहिरी के खात्मे में पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा की बहुत अहम भूमिका रही है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की स्पेशल टीम ने की। जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था। वहीं अमेरिकी एक्शन पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है।
क्या अमेरिका से पैसा लेने के लिए पाकिस्तान की मदद?
पाकिस्तानी पत्रकार के अलावा कई विदेशी मीडिया ने दावा किया है कि पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन लेना है जो बिना अमेरिका की मंजूरी के नहीं मिल सकता है। इसी वजह से बाजवा ने अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी से बातचीत की थी।
जापानी मीडिया ने खुलासा किया था कि बाजवा ने अमेरिका से पाकिस्तान को लोन देने के लिए गुहार लगाया था। मीडिया रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के चीफ भी अभी कुछ दिनों पहले ही अमेरिका के दौरे पर गए थे। जनरल बाजवा के बातचीत और आईएसआई चीफ के दौरे से जवाहिरी के शिकार में पाकिस्तानी भूमिका की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है।
2006 में मिसाइल हमले में बचा था?
जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका इससे पहले भी कई बार कोशिश कर चुका था। 2001 में जवाहिरी के अफगानिस्तान के तोरा बोरा में छिपे होने की सूचना मिली थी। मगर, हमला होने से पहले जवाहिरी भाग निकला। हालांकि, इस हमले में उसकी बीवी और बच्चे मारे गए। वहीं 2006 में जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने फिर से जाल बिछाया था। लेकिन मिसाइल हमला होने से पहले वह बच निकला था।
9/11 अटैक का आरोपी था अल जवाहिरी
11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने 4 कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक कर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टकरा दिए थे। अमेरिका में इसे 9/11 अटैक के नाम से जाना जाता है। इस अटैक में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। इस हमले में ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी समेत अलकायदा के सभी टेररिस्टों को अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था।
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