कल इस्तीफा देंगे अरविंद केजरीवाल! जानिए कौन होगा दिल्ली का अगला सीएम, इस नेता पर सबकी नजर

दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं।

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दिल्ली के उपराज्यपाल  विनय सक्सेना ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal Resignation) को मंगलवार शाम साढ़े 4 बजे मिलने का समय दिया है। इसी समय केजरीवाल CM पद से इस्तीफा देंगे। आज शाम को ही आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी की बैठक भी शुरू हो चुकी है। इसमें नए मुख्यमंत्री समेत पार्टी की आगे की रणनीति पर चर्चा हो रही है।

इससे पहले दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेताओं में अगले CM को लेकर चर्चा हुई। हालांकि दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अभी CM के नाम पर चर्चा नहीं हुई है। इस पर फैसला केजरीवाल के इस्तीफे के बाद विधायक दल लेगा।

क्यों दे रहे हैं केजरीवाल इस्तीफा
दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से जमानत पर बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वो CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रहा। सरकार कैबिनेट भरोसे चलेगी।

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दूसरी ओर,  दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।

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कौन बनेगा अगला दिल्ली का सीएम
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मंत्री आतिशी, गोपाल राय और कैलाश गहलोत के नाम चर्चा में हैं। सूत्रों ने कहा, “पार्टी या किसी मंत्री को इस पद के लिए चुना जाएगा, लेकिन आतिशी, राय और कैलाश गहलोत के नाम चर्चा में हैं।” सूत्रों का कहना है कि आतिशी का नाम इस रेस में सबसे आगे है। इसकी खास वजह है कि उन पर केजरीवाल को भरोसा है। हाल ही में जिस तरह से झारखंड का घटनाक्रम सामने आया था, उसने सभी पार्टियों को सबक दिया है। हेमंत सोरेन जेल जाने से पहले चंपई सोरेन को सीएम बनाकर गए थे, लौटे तो वो कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं थे और भाजपा से मिल गए थे।


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हालांकि, मनीष सिसोदिया सबसे सीनियर हैं। लेकिन पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप में दूसरे नंबर के नेता मनीष सिसौदिया के सत्ता संभालने की संभावना से इनकार करते हुए केजरीवाल ने रविवार को ही कह दिया था कि चुनाव होने तक आप में से कोई उनकी जगह लेगा। सिसोदिया ने कहा कि वह केजरीवाल के साथ लोगों के बीच जाएंगे और ईमानदारी के आधार पर वोट मांगेंगे और जब तक लोग उन्हें क्लीन चिट नहीं दे देते तब तक वह कोई पद नहीं संभालेंगे।

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क्यों है अतिशी के ज्यादा चर्चे
आतिशी के पास शिक्षा, वित्त, राजस्व, कानून समेत सबसे ज्यादा विभाग हैं। हाल ही में सीएम ने उन्हें अपनी जगह स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराने के लिए नामित किया था। हालाँकि, इसे अस्वीकार कर दिया गया और एलजी ने ऐसा करने के लिए गहलोत को नामित किया। आप के सूत्रों का कहना है कि “आतिशी के अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध हैं और वह जानती हैं कि काम कैसे करवाना है। इसी तरह, गहलोत, जिनके पास परिवहन, गृह और डब्ल्यूसीडी विभाग हैं, पार्टी के काम और बैठकों में सक्रिय हैं। नौकरशाहों के साथ झगड़े के बावजूद भी वह अपने विभागों में काम करते हैं।

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