राजस्थान में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं ऐसे में बीजेपी ने चुनाव जीत ने के लिए हरसभंव प्रयास में जुट चुकी है। बीजेपी के भीतर मुख्यमंत्री चेहरा को लेकर लंबे वक्त से माथापच्ची चल रही है। हालांकि, हाईकमान चुनाव बाद ही चेहरा घोषित करने की बात कह रहा है।
ऐसे में एकनाम की खूब चर्चा है। अर्जुन राम मेघवाल (arjun ram meghwal) ये वहीं नेता हैं जिन्हें अभी मोदी मंत्रिमंडल में प्रमोशन के बाद राजस्थान में संकल्प पत्र बनाने की जिम्मेदारी मिली है। मेघवाल को राजनीतिक गलियारों में सीएम पद के साइलेंट दावेदार बताया जा रहा है।
बीते दिनों बीजेपी ने मेघवाल को राजस्थान चुनाव के लिए पार्टी का मेनिफेस्टो बनाने की जिम्मेदारी दी है। 2022 में बीजेपी हाईकमान ने मेघवाल को ज्वॉइनिंग कमेटी का प्रमुख बनाया था। इस कमेटी का काम बीजेपी छोड़ चुके नेताओं को वापस लाना और दूसरे दल के नेताओं को पार्टी के साथ जोड़ना है।
क्यों चर्चा है अर्जुन राम मेघवाल नाम की
अर्जुन राम मेघवाल की गिनती प्रधानमंत्री मोदी के करीबी नेताओं में होती है। 2016 से वे लगातार मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं. इस दौरान मेघवाल की तैनाती विदेश, संसदीय, वित्त,संस्कृति जैसे विभागों में हुई। हाल ही में मेघवाल को कानून जैसे बड़े मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है। तब से चर्चा तेज है कि कहीं मेघवाल को बीजेपी सीएम चेहरा बनाने की फिराक में तो नहीं। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान चुनाव की कमान खुद प्रधानमंत्री मोदी ने संभाल रखी है। प्रधानमंत्री अब तक 8 से अधिक रैली राजस्थान में कर चुके हैं। हाल ही में राजस्थान से आने वाले बीजेपी के सांसदों से प्रधानमंत्री ने मुलाकात की थी।
पिछले कुछ सालों में कई चौंकाने वाले फैसले-
अर्जुन राम मेघवाल के सीएम बनने की चर्चा इसलिए भी तेज है क्योंकि बीजेपी ने पिछले कुछ सालों में सीएम नाम के चेहरों पर काफी चौंकाने वाले फैसले लिए हैं। इसमें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का चेहरा सबसे पहले सामने आता है। राजस्थान में राजपूतों की आबादी राजस्थान में 9-10 प्रतिशत है और यह बीजेपी का कोर वोटर्स माना जाता है। बीजेपी ने अबतक राजस्थान में दो ही मुख्यमंत्री चेहरे रखे हैं जिसमें भैरोसिंह शेखावत और वसुंधरा राजे हैं।
क्या बीजेपी खेलेगी दलित पर दांव
अर्जुन राम मेघवाल दलित समुदाय से आते हैं और ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी इसबार दलित के चेहरे पर बड़ा दांव राजस्थान में खेल सकती है। राजस्थान में 17 प्रतिशत दलित हैं, जिसका रुझान अक्सर कांग्रेस की तरफ रहती है. बीएसपी भी दलित वोटों के जरिए हर चुनाव में 5-10 सीट जीतने में कामयाब हो जाती है। आपको बता दें, मोदी सरकार में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान के बीकानेर से सांसद हैं। राजनीति में आने से पहले मेघवाल भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी थे। वसुंधरा राजे और ओम माथुर के जरिए मेघवाल राजनीति में आए। वहीं आज बीजेपी पार्टी वसुधंरा को पार्टी के प्रचार से दूर रखती नजर आई है।
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