क्यों हुए एंजेलो मैथ्यूज टाइम आउट, 1919 में हुआ था पहला TIME OUT, जानिए क्या कहता है नियम?

सबसे पहले 1919 में टाइम आउट के तहत आउट दिया गया था। टाउनटंस काउंटी ग्राउंड में प्लेयर हेरॉल्ड हेगेट इस नियम के तहत आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने थे।

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बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच सोमवार को दिल्ली में खेला गया वर्ल्ड कप मुकाबला एक खास घटना के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। श्रीलंका की पारी के दौरान एंजेलो मैथ्यूज (angelo mathews) को टाइम आउट दिया गया। इंटरनेशनल क्रिकेट में यह पहला मौका है जब कोई बल्लेबाज टाइम आउट हुआ है।

सबसे पहले 1919 में टाइम आउट के तहत आउट दिया गया था। केपटाउन में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 2007 में हुए तीसरे टेस्ट में सौरव गांगुली टाइम आउट होने से बचे थे।

क्या है पूरा मामला
श्रीलंका की पारी के 25वें ओवर में सदीरा समरविक्रमा का विकेट गिरने के बाद एंजेलो मैथ्यूज ग्राउंड पर आए। वे बैटिंग के लिए तैयार हो रहे थे, तभी उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया। ऐसे में उन्होंने दूसरा हेलमेट मंगाया। जब तक ड्रेसिंग रूम से हेलमेट आता और मैथ्यूज खेलने उतरते, 2 मिनट का समय निकल गया था।

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बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने अंपायर से मैथ्यूज को आउट देने की अपील की। अंपायर ने शाकिब से पूछा भी कि वे ऐसा मजाक में कर रहे हैं या वाकई अपील कर रहे हैं। शाकिब अपील पर कायम रहे और मैथ्यूज को आउट करार दे दिया गया।

साल 1919 में हुआ था टाइम आउट
सबसे पहले 1919 में टाइम आउट के तहत आउट दिया गया था। टाउनटंस काउंटी ग्राउंड में प्लेयर हेरॉल्ड हेगेट इस नियम के तहत आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। हालांकि यह 1980 में क्रिकेट कोड में शामिल किया गया था। तब बल्लेबाज को 2 मिनट का टाइम मिलता था। साल 2000 के बाद से इसे टेस्ट में 3 मिनट, वनडे में 2 मिनट और टी-20 में 90 सेकेंड कर दिया गया।

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क्या है टाइम आउट?
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट में अगर कोई बल्लेबाज पिछला विकेट गिरने के 3 मिनट बाद तक खेलने के लिए तैयार नहीं होता है तो विपक्षी टीम की अपील पर उसे आउट दिया जा सकता है। वनडे क्रिकेट में यह समय 2 मिनट का है और टी-20 में 90 सेकेंड का है। विकेट बॉलर के खाते में नहीं जाता है।

शाकिब के आउट होने पर मैथ्यूज टाइम आउट का इशारा करते हुए

सोशल मीडिया पर हुई आलोचना
टाइम आउट भले ही नियमों के तहत आता है, लेकिन इसके लिए अपील करना आमतौर पर खेल भावना के विपरीत माना जाता है। इंटरनेशनल क्रिकेट में पहले भी ऐसे वाकये हुए हैं, जब फील्डिंग कप्तान अपील कर सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। ऐसे में सवाल उठता है कि शाकिब ने अपील क्यों की। इसके पीछे की वजह एक मैच जीतना और दूसरी लगातार श्रीलंका से राइवलरी है।


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