दिल्ली शांत, तनाव बाकी है, हिंसा में मरने वालों की संख्या 30 से पार

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा और भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर ने पुलिस और सरकार को फटकार लगाई थी।

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नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में रविवार के बाद हुई हिंसा अब थम गई है लेकिन मौत का आकंड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार सुबह गुरु तेग बहादुर अस्पताल की ओर से नया आंकड़ा जारी किया गया है। अस्पताल के अनुसार, अबतक दिल्ली हिंसा में 34 लोगों की मौत हो गई है।

हाई कोर्ट की फटकार के बाद केंद्र और राज्य सरकार एक्शन में आई है, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर दिल्ली की सड़कों पर उतर लोगों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि दिल्ली में अमन शांति फिर से जल्द लौटेगी।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा- हमारे पास सीसीटीवी फुटेज है। हम इसकी मदद से शरारती तत्वों की पहचान कर रहे हें। हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अतिरक्त पैरामिलिट्री बल तैनात किया गया है। सीनियर पुलिस ऑफिसर द्वारा पैदल मार्च किया गया है। हमने ड्रोन की मदद से ऐसी छतों को चिन्हित किया है, जहां से पत्थरबाजी की गई। हमने लोगों से अपील की है कि अफवाह पर ध्यान न दें। हेल्पलाइन नंबर 112 पर हमें घटना की सूचना दें। उपद्रव करने की कोशिश करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बीजेपी नेता के भाषण आए जांच के दायरे में-
दिल्ली हिंसा पर बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, इस दौरान अदालत ने दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े किए। कोर्ट की फटकार के बाद पुलिस एक्शन में आई और अबतक 18 FIR दर्ज की गई, 106 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हाई कोर्ट ने इस दौरान बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा के बयानों को अदालत में चलवाया।

देर रात हाइकोर्ट जज का हुआ ट्रांसफर-
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के मुद्दे पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा और भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयानों को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर ने पुलिस और सरकार को फटकार लगाई थी। अब उनका ट्रांसफर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट कर दिया गया है। वे हाईकोर्ट में जजों के वरिष्ठता क्रम में तीसरे स्थान पर थे। कानून मंत्रालय ने बुधवार देर रात उनके तबादले का नोटिफिकेशन जारी किया।

इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे के साथ विचार-विमर्श के बाद यह फैसला लिया। इससे पहले 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जस्टिस मुरलीधर समेत तीन जजों के ट्रांसफर की सिफारिश की थी। जज के ट्रांसफर के बाद विपक्ष पार्टी क्रेंद पर निशाना साध रही हैं।

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