जानिए होलिका दहन का शुभमुहूर्त, इन स्मार्ट तरीकों से रहे शरारती तत्वों से सावधान

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होली का त्यौहार देशभर आज से मनाया जाएगा। दो दिन के इस त्यौहार में आज होलिका दहन पूजा होगी तो वहीं कल रंग खेला जाएगा। आज शाम होने वाले होलिका दहन पूजन का समय पंडितों के अनुसार, प्रदोषकाल में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शांम 7.40 बजे से रात 9.20 बजे तक है। 9.20 बजे से भद्रा शुरू होगी। भद्रा में होलिका दहन नहीं होता है।

कब करें होलिका दहन-
इस साल 1 मार्च को शाम 7 बजकर 40 मिनट से भद्रा काल समाप्त हो रहा है। वहीं पूर्णिमा तिथि 1 मार्च को 8 बजकर मिनट पर शुरू हो रही है। अधिक लाभ के लिए पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन करें। अन्यथा भद्रा काल की समाप्ति पर भी होलिका दहन किया जा सकता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, होलिका दहन उस समय सबसे शुभ माना जाता है जब पूर्णिमा तिथि में हो।

क्यों की जाती होली की पूजा-
होलिका दहन अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होलिका दहन के पीछे भी एक पुराणिक कथा प्रचलित है। कथानुसार, प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्यंत बलशाली असुर था। अपने बल के दम पर वह खुद को ही ईश्वर मानने लगा था। उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी। हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद ईश्वर भक्त था। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकश्यप ने आदेश दिया कि होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई, पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।

किन चीजों से करें पूजा-
कई जगहों पर होलिका की पूजा के लिए होलिका और प्रहलाद की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं। इसके अलावा पूजा सामग्री में रोली, फूलों की माला और फूल, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, बताशे, गुलाल, मूंग, नारियल, पांच या सात तरह के व्यंजन, फसलों की बालियां, जौ या गेहूं और साथ में एक लोटा पानी रखा जाता है। इसके साथ ही मिठाईयां, फल आदि भी पूजा के दौरान चढ़ाए जाते हैं।

रंग खलते वक्त रखें ध्यान
आज शाम पूजा के बाद कल सुबह रंग खेला जाएगा। रंग खेलते वक्त सबसे पहले अपनी बॉडी पर तेल मालिश कर ले ताकी होली के खेलने के बाद रंग छुड़ाने में परेशानी ना हो।

ध्यान रखें रंगों में केमिकल मिला होता है इसलिए जहां तक कोशिश हो सके केमिकल युक्त रंगों से ही खेलने की कोशिश करें। इसके अलावा आप घर पर भी खेलने जितना रंग बना सकते हैं। जिससे आपकी त्वचा हैल्दी रहेंगी।

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होली की आड़ में कई शरारती तत्वों से सावधान रहें। खबरों के अनुसार, होली के गुब्बारों में लोग तेजाब, पेशाब स्पर्म आदि ऐसी चीजों को इस्तेमाल करते हैं। इसलिए सावधानी जरूर बरते।

शरारती तत्वों से बचने के लिए आप अपने दोस्तों को घर पर बुलाकर होली खेल सकते हैं। या फिर घर से बाहर जाने का प्लान है तो 5-6 दोस्तों के ग्रुप में जाए। इसके साथ ही हेल्पलाइन नम्बर्स को फोन में डाइल कर के रखें ताकी जरूरत पड़ने पर आप कॉल कर सकें।

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