20 चर्चित चुनावी नारे जिन्होंने भारतीय राजनीति का भाग्य तय किया

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जयपुर: ‘काम बोलता है’, ‘न गुंडाराज, न भ्रष्टाचार, अबकी बार भाजपा सरकार’, विकास पागल हो गया, सबका साथ सबका विकास ऐसे कई जुमले हैं आपको चुनावी दिनों में सुनने को मिलते हैं। आजादी के बाद चुनावी नारों का दौर ऐसा था जिसके बिना चुनावों की चर्चा पूरी ही नहीं हो सकती थी।

सब जानते हैं कि ऐसी जुमले बाजी जहां जनता का मनोरंजन करती हैं वहीं विपक्ष को नीचा दिखाने की कोशिश भी की जाती है। हालांकि कुछ साल चुनावी नारे कम ही सुनाई पड़ते हैं। पर हम आपके लिए 20 ऐसे चुनावी नारे लेकर आए हैं जिनके सहारे कभी नेता सत्ता की कुर्सी पाने की कोशिश करते थे। तो पढ़िए यहां दिलचस्प चुनावी नारों के बारें में और उस दौर के चुनावी पोस्टरों को भी देखिए।

1. जनसंघ को वोट दो, बीड़ी पीना छोड़ दो, बीड़ी में तम्बाकू है, कांग्रेस वाला डाकू है ( 1967)

2. ये देखों इंदिरा का खेल, खा गई सरकार पी गई तेल (अटल बिहारी वाजपेयी)

3. गरीबी हटाओ, इंदिरा लाओ, देश बचाओ (1971)

4. इंदिरा हटाओ देश बचाओ ( 1977 में जय प्रकाश नारायण द्वारा दिया गया नारा)

5. बारी-बारी सबकी बारी, अबकी बारी अटल बिहारी ( 1996 में भाजपा द्वारा दिया गया नारा)

6. अटल बिहारी बोल रहा है, इंदिरा शासन डोल रहा है (भारतीय जनसंघ के दौर का नारा)

7. आधी रोटी खाएंगे, इंदिराजी को लाएंगे. इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर (1980 में कांग्रेस का नारा)

8. चलेगा हाथी उड़ेगी धूल, ना रहेगा हाथ, ना रहेगा फूल (बसपा का एक नारा)

9. एक शेरनी सौ लंगूर, चिकमगलूर भई चिकमगलूर (इंदिरा गांधी का 1978 में दिया गया नारा)

10. जबतक रहेगा समोसे में आलू, तब तक रहेगा बिहार में लालू

11. बच्चा-बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम का (विश्व हिंदू परिषद)

12. मिले मुलायम-काशीराम, हवा हो गए जय श्री राम

13. जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर ( 1996 में कांग्रेस द्वारा दिया गया नारा)

14. अटल, आडवाणी, कमल निशान, मांग रहा है हिंदुस्तान

15. यूपी में था दम, लेकिन कहां पहुंच गए हम (समाजवादी पार्टी द्वारा दिया गया नारा)

16. राजा नहीं फकीर है, देश की तकदीर है (1989 के चुनावों में वीपी सिंह को लेकर बना नारा)

17. जिंदा कौमें पांच साल तक इंतजार नहीं करतीं (राम मनोहर लोहिया द्वारा दिया गया नारा)

18. खरो रुपयो चांदी को, राज महात्मा गांधी को (आजादी के बाद के पहले चुनाव में कांग्रेस का नारा)

19. बेटा कार बनाता है, मां बेकार बनाती है (1977 में इंदिरा के खिलाफ नारा)

20. इस दीपक में तेल नहीं, सरकार बनाना खेल नहीं (कांग्रेस के खिलाफ नारा)

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