देखें तस्वीरें: कोटा का हैंगिंग ब्रिज बनकर तैयार, ये होंगे शहर को 4 बड़े फायदे

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राजस्थान: कोटा के चंबल नदी पर ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर परियोजना के तहत बनकर तैयार हैंगिंग ब्रिज का अंतिम लोड टेस्ट पूरा हो गया है। कोरिया की एस्क्यू इंजीनियरिंग कंपनी ने 30-30 टन के छह ट्रकों को चलाकर लोड टेस्ट किया। लोड टेस्ट का आंकलन ब्रिज पर लगाए गए सेंसर से किया गया। आपको बता दें देश में और भी हैगिंग ब्रिज है लेकिन इसकी खास बात ये है कि इस ब्रिज को दो पिलर पर तैयार किया गया है।

सेंसर की रिकाॅर्डिंग लेकर कोरियाई टीम अपने देश जाएगी। पूरे आंकलन के बाद दस दिन में हुंडई कंपनी को रिपोर्ट दी जाएगी। ब्रिज को कंपलीट होने का नोटिस हुंडई जारी करेगी। उम्मीद जताई जा रही है कि जुलाई के पहले सप्ताह में इस पर ट्रैफिक शुरू हो जाएगा। हुंडई और एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक अंतिम परीक्षण पूरा कर लिया गया है। थर्ड पार्टी परीक्षण के लिए कोरिया की एस्क्यू इंजीनियरिंग के इंजीनियर आए थे। देश में इस तरह किसी ब्रिज का पहली बार लोड टेस्ट किया गया है।

क्या है ब्रिज में खास:

ब्रिज में 29 सेंसर लगाए हैं, जिन्हें वाईफाई की मदद से ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ा गया है। जिससे पुल के झुकाव, घुमाव, केबल और वायब्रेटिंग की रीडिंग और तकनीकी गड़बड़ी तुरंत पता चल सकेगी। ताकि समय रहते ठीक कराया जा सकेगा। हैंगिंग ब्रिज के सेंसर से यह मॉनिटरिंग कोटा के अलावा हैडक्वार्टर दिल्ली के साथ फ्रांस में भी होगी।
सौ साल होगी ब्रिज की उम्र
ब्रिज की लाइफ 100 साल मानी जा रही है। यहां हैल्थ माॅनिटरिंग सिस्टम भी लगाया गया है। इसके लिए 29 उपकरण लगाए हैं, जो मकोबा स्विट्जरलैंड से मंगवाए हैं। इनसे केबल की फ्रीक्वेंसी, दबाव, पायलन का डिस्पेशमेंट, ब्रिज का मूवमेंट व एन्वायरमेंट की चेकिंग करेंगे।
शहर को ये 4 बड़े फायदे होंगे
1 जयपुर से बारां जाने वाले वाहन अभी बड़गांव से चंबल ब्रिज, अंटाघर चौराहा होते हुए जाते हैं, इसके बनने के बाद वाहन हैंगिंग ब्रिज से होकर बाईपास से बारां जा सकेंगे।
2 चित्तौड़-उदयपुर से बारां व झालावाड़ जाने वाले वाहनों शहर के भीतर आने की बजाय हैंगिंग ब्रिज से होकर निकल जाएंगे।
3 रावतभाटा से झालावाड़ रोड जाने के लिए चंबल ब्रिज तक का 16 किमी लंबा चक्कर नहीं लगाना होगा।
4 जयपुर-जबलपुर हाइवे अभी शहर के बीच से होकर गुजर रहा है। हैंगिंग ब्रिज बनने के बनने के बाद ये ट्रैफिक भी बाईपास से ही गुजर जाएगा।

दिखेगा इंडियन कल्चर, होगी मॉनिटरिंग 

एनएचएआई के सीजीएम स्टेट मुकेश जैन ने बताया कि ब्रिज को भारतीय सभ्यता से जोडऩे की योजना है। भारतीय त्योहारों और गौरव दिवस पर लेजर लाइटिंग से हैंगिंग ब्रिज जगमगाया। इसमें स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा, होली पर रंगों, दीपावली और अन्य त्यौहारों पर भी बदलाव होगा। ब्रिज पर सीसीटीवी से भी मॉनिटरिंग होगी। इसमें हाई फ्रिक्वेंसी के कैमरे लगाएं जाएंगे। ताकि ब्रिज पर किसी भी वाहन के रुकने पर तुंरत जानकारी मिल सके।

आमजन के लिए टेलीस्कोप की योजना

एनएचएआई ब्रिज की टीम कोरिया में एेसे ब्रिजों की सुरक्षा और देखरेख का काम देखकर आई है। साथ ही ब्रिज पर अनावश्यक लोगों की भीड़ होने से रोकना भी बड़ी चुनौती है। एेसे में ब्रिज के दोनों तरफ आमजन के लिए वाच टावर बनाए जाएंगे। जहां पर टेलीस्कोप भी स्थापित किए जाएंगे, ताकि आमजन वहां से ब्रिज देख सकें।

उद्घाटन में आ सकते हैं प्रधानमंत्री

इस ब्रिज की टेस्टिंग 30 जून तक चलने की संभावना है। इसके बाद हैंडओवर की प्रकिया शुरू होगी। ब्रिज के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आने की संभावना है।

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