शिर्डी साईं मंदिर में भक्तों के चलने से बनेगी बिजली, देश में ऐसा पहला प्रयोग

शिर्डी में रोजाना पैदा होने वाले 20 टन कचरे का भी इस्तेमाल गैस और बिजली बनाने के लिए किया जाएगा।

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पुणे: शिर्डी स्थित साईं बाबा का मंदिर जल्द ही भक्तों के कदमताल से रोशन होगा। दरअसल श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर फुट एनर्जी तैयार करने का फैसला लिया है। संस्थान को उम्मीद है कि इस तरीके से करीब 200 बल्ब और 50 पंखे चलाने लायक बिजली बनाई जा सकेगी।

इसके अलावा यहां पैदा होने वाले कचरे से भी गैस और बिजली बनाई जाएगी। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. सुरेश हावरे ने गुरुवार को कहा कि भक्तों के रास्ते में 200 पेडल लगाए जाएंगे। लोग जैसे-जैसे कदम आगे बढ़ाएंगे, ये पेडल दबेंगे और इससे बिजली बनेगी। उन्होंने बताया कि एक पेडल की कीमत एक लाख रुपए है, लेकिन संस्थान इसके लिए कोई खर्च नहीं करेगा।

जिस कंपनी से करार हुआ है, वह बीओटी (बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के आधार पर काम करेगी। हावरे ने कहा कि रोजाना 50 हजार से ज्यादा लोग साईं के दर्शन के लिए शिर्डी आते हैं। इसलिए कतार में चलने वाले भक्तों के जरिए बिजली बनाने की यह प्रक्रिया अनोखी है और देश में पहली बार ऐसा प्रयोग किया जाएगा।

दो महीने में शुरू होगा ट्रायल
अगले दो महीनों में इसका ट्रायल शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट से तैयार होने वाली बिजली का इस्तेमाल कर कतार में खड़े भक्तों के लिए ही रोशनी और पंखे का अरेंजमेंट किया जाएगा।
इसके अलावा शिर्डी में रोजाना पैदा होने वाले 20 टन कचरे का भी इस्तेमाल गैस और बिजली बनाने के लिए किया जाएगा।
हावरे के मुताबिक यह ऐसा प्रोजेक्ट होगा कि राज्य के सभी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशंस अपने कचरे के निपटारे के लिए इसकी नकल करेंगे।

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