श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन शुकदेवजी के जन्म की अमर कथा का हुआ वर्णन

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हनुमानगढ। जंक्शन सेक्टर-6 स्थित शिव शक्ति सिद्ध पीठ कमल कल्याण आश्रम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में संपन्न हो रहा है। कथा के दूसरे दिन का शुभारंभ मुख्य यजमान मनोज बंसल द्वारा विधिवत पूजा-अर्चना के साथ हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथावाचक आचार्य भानुदेव ओझा ने श्रीमद्भागवत की अमर कथाओं का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की कृपा का महत्व बताते हुए कहा कि केवल वही व्यक्ति भागवत कथा का रसपान कर सकता है जिस पर ठाकुरजी की विशेष कृपा होती है। कथा के दौरान उन्होंने शुकदेवजी के जन्म की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि यह कथा अध्यात्मिक ज्ञान और भक्ति की पराकाष्ठा का प्रतीक है। आचार्य ओझा ने श्रोताओं से कहा कि यदि वे श्रीमद्भागवत कथा से कुछ प्राप्त करना चाहते हैं, चाहे वह आत्मज्ञान हो या भक्ति का मार्ग, तो उन्हें प्यासे बनकर, सीखने की भावना के साथ कथा में सम्मिलित होना चाहिए। उन्होंने बताया कि कथा केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आत्मिक उत्थान का माध्यम है। जिन्हें गोविंद जितना देना चाहते हैं, उन्हें उतना ही प्राप्त होता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि हम सच्चे मन से कथा को सुनें और आत्मसात करें, तो यह कथा केवल आनंद ही नहीं, जीवन को दिशा देने वाला दिव्य ज्ञान भी प्रदान करती है। आयोजन समिति के सदस्य भवानी शंकर शर्मा ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का वाचन प्रतिदिन शाम 4 बजे से 7 बजे तक किया जाएगा। उन्होंने समस्त क्षेत्रवासियों से अनुरोध किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर इस पुण्य अवसर का लाभ उठाएं और भक्ति भाव से कथा श्रवण करें।

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