वक्फ बिल अब कानून का रूप ले चुका है। ऐसा नहीं है कि इस कानून से मुस्लिम समुदाय में नाराजगी नहीं है। देश के बाकी हिस्सों में शांति के साथ विरोध प्रदर्शन हुए। सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाएं लगाई गई लेकिन पश्चिम बंगाल मुर्शिदाबाद को ही क्यों टारगेट किया गया है। बंगाल का बहुल मुस्लिम जिला मुर्शिदाबाद (Murshidabad Violence) के एक इलाके से फैली हिंसा की आग अब धीरे-धीरे बंगाल के बाकी हिस्सों में चिंगारी का काम कर रही है।
पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं। वक्फ कानून के खिलाफ मुसलमान सड़कों पर हैं। इसकी वजह से सैकड़ों हिंदुओं का पलायन हो चुका है। तीन लोगों की जान भी जा चुकी है और कई घायल भी हो चुके हैं। अब सवाल है कि क्या पश्चिम बंगाल में ही सबसे अधिक मुसलमान हैं? क्या अन्य राज्यों के मुसलमानों को वक्फ कानून से कोई लेना-देना नहीं? आखिर यूपी-बिहार, असम, महाराष्ट्र या देश के अन्य राज्यों में रहने वाले मुसलमान क्यों बेफिक्र हैं? पश्चिम बंगाल में आखिर कौन दंगे की बार-बार साजिश रच रहा है?
ये भी पढ़ें: Waqf Bill: रेलवे और रक्षा मंत्रालय के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ के पास, जानें बिल को लेकर मुस्लिम क्यों हैं नाराज?
मुर्शिदाबाद को ही क्यों टारगेट किया गया?
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में 8 अप्रैल से ही प्रदर्शन और हिंसा का दौर जारी है। धुलियान, शमशेरगंज, सूती, जंगीपुर और निमतिता जैसे इलाकों में खूब हिंसा हुई है। हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई, जिसमें एक पिता-पुत्र और एक नाबालिग शामिल हैं। अब तक 200 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं और कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है। अब साउथ 24 परगना में भी हिंसा हुई है वहीं सिलीगुड़ी से भी हिंसा की खबर आ रही है।
ये भी पढ़ें: Waqf Amendment Bill: वक्फ बिल को JPC की मंजूरी, जानिए क्या-क्या होंगे बदलाव?
क्या टीएमसी ने बनाया हिंसा का पूरा टूलकिट
मुर्शिदाबाद की आबादी अधिक है। 2011 की जनगणना के अनुसार मुर्शिदाबाद जिले की कुल आबादी में करीब 66.3 फीसदी मुस्लिम हैं। मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे कई वजहों में एक वजह यह भी है। वहीं बीते दिनों मुर्शिदाबाद हिंसा का टूलकिट भी सामने आया है, जिसमें टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और सिग्नल ऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से टूलकिट जारी किया जा रहा ह।. कहां-कैसे प्रदर्शन करना है, सब प्लानिंग हो रही है। भाजपा का आरोप है कि टीएमसी वाले ही इस कानून के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं। इसका नतीजा है कि लोग सड़कों पर आ रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं।
ये भी पढ़ें: वक्फ कानून पर बंगाल में हिंसा, पानी में जहर मिलाया, घर जलाए, 500 लोगों का पलायन, देखें VIDEO
बंगाल में 2019 जैसा पैटर्न फॉलों किया गया
टीएमसी बंगाल में लागू नहीं होने देने की बात कह रही है, दूसरी ओर कुछ नेता स्थानीय लोगों को भड़का रहे हैं कि वक्फ कानून से उनके अधिकार छीन लिए जाएंगे। खुफिया एजेंसियों की मानें तो बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में फैली हिंसा का पैटर्न साल 2019 में CAA के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों की तरह है। मुर्शिदाबाद में हिंसा फैलाने के लिए उसी टूकिट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका प्रयोग सीएए के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों में किया गया था। इस हिंसा के पीछे एक बड़ा कारण अगले साल होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव भी है।
ये भी पढ़ें: West Bengal Malda Violence: पश्चिम बंगाल के मालदा में हिंसा- इंटरनेट बंद, 34 गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
देश के बाकी हिस्सों में क्यों शांत है मुस्लिम समुदाय
अब सबसे बड़ा सवाल है कि मुस्लिम तो यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में भी हैं। फिर यहां के मुसलमान इतने बेफिक्र क्यों हैं? क्या इन राज्यों में मुसलमान नहीं रहते? दरअसल, सारा खेल सियासी है। 2011 की जनगणना की मानें तो भारत में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले पांच राज्य हैं- यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और असम।
राज्य | मुस्लिम आबादी | कुल आबादी में कितना? |
उत्तर प्रदेश | 3.84 करोड़ मुस्लिम | 19.26% |
पश्चिम बंगाल | 2.46 करोड़ मुस्लिम | 27.01% |
बिहार | 1.75 करोड़ मुस्लिम | 16.87% |
महाराष्ट्र | 1.29 करोड़ मुस्लिम | 11.54% |
असम | 1.06 करोड़ मुस्लिम | 34.22% ( 2011 के आकंड़ों के मुताबिक) |
ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।