शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहादत दिवस पर सीटू ने किया श्रद्धांजलि सभा का आयोजन

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हनुमानगढ़। 23 मार्च को शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान दिवस पर सीटू द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह सभा सुबह 7 बजे जंक्शन स्थित भगत सिंह चौक पर संपन्न हुई, जिसमें बड़ी संख्या में कामरेडों और आम जनता ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता कामरेड आत्मा सिंह ने की।
सभा के दौरान कामरेड बहादुर सिंह चौहान, बसंत सिंह, शेर सिंह शाक्य, रिछपाल सिंह, बी. एस. पेंटर, अशोक कुमार, मुकद्दर अली, मेजर सिंह, हरजी वर्मा, राजकुमार, ललन सिंह, शिबू किसान, राम छिन्दर सिंह, वाली शेर, समीर खान, दारा सिंह, गुरुप्रेम सिंह, राम बाबू और मिथिलेश सहित कई प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर वक्ताओं ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान को याद करते हुए कहा कि 23 मार्च का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है। इन महान क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देशवासियों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया। उनके विचार और आदर्श आज भी युवाओं को सच्चे राष्ट्रभक्त बनने के लिए प्रेरित करते हैं।
कार्यक्रम में बोलते हुए कामरेड आत्मा सिंह ने कहा कि भगत सिंह सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं, बल्कि एक महान विचारक भी थे। वे सामाजिक समानता और अन्याय के खिलाफ संघर्ष के पक्षधर थे। उन्होंने कहा कि आज के समय में हमें भगत सिंह के विचारों को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि देश में सामाजिक न्याय और समानता स्थापित हो सके।
सभा में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए और वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियों में भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को भगत सिंह के क्रांतिकारी विचारों से प्रेरणा लेकर समाज में व्याप्त अन्याय, भ्रष्टाचार और शोषण के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। सभा में देशभक्ति के गीत गाए गए और उपस्थित लोगों ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारों के साथ अपने जोश और उत्साह को प्रकट किया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने मांग की कि भगत सिंह को आधिकारिक रूप से देश का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया जाए और उनके विचारों को स्कूल-कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी उनके आदर्शों से प्रेरित हो सके।
सभा का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, और उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सपनों का भारत बनाने के लिए सदैव संघर्षरत रहेंगे।

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