‘औरंगजेब कब्र’ का बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा, महाराष्ट्र में बढ़ी सुरक्षा, जानें पूरा मामला?

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महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने महाराष्ट्र सरकार से इसे जल्द हटाने की मांग की है। विवाद के बीच कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

विश्व हिंदू परिषद (VHP) महाराष्ट्र और गोवा के क्षेत्रीय मंत्री गोविंद शेंडे ने औरंगजेब की कब्र को गुलामी का प्रतीक बताया। उन्होंने सोमवार को कहा- औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को मारने से पहले 40 दिनों तक यातना दी थी। ऐसे क्रूर शासक का निशान क्यों रहना चाहिए।

उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक कार्यक्रम में कहा- क्रूर औरंगजेब के बर्बर विचारों का महिमामंडन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उस विचार को वहीं कुचल दिया जाएगा।

औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद क्यों होता है?

  1. हिंदू संगठनों का विरोध
    हिंदू संगठनों का मानना है कि औरंगजेब हिंदू धर्मस्थलों को नष्ट करने और जबरन धर्मांतरण के लिए जिम्मेदार था। कुछ समूह उसकी कब्र को पर्यटन स्थल बनाए जाने या इसे हटाने की मांग करते हैं।

  2. राजनीतिक बयानबाजी
    राजनीतिक दलों के नेता औरंगजेब के नाम पर अक्सर बयान देते हैं, जिससे विवाद बढ़ता है। 2022 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा था कि औरंगजेब की कब्र को “अनावश्यक महत्त्व” दिया जा रहा है।

  3. सुरक्षा कारण और प्रशासन की कार्रवाई
    2022 में हिंदू संगठनों के विरोध के बाद प्रशासन ने कब्र के पास सुरक्षा बढ़ा दी थी। किसी भी संभावित विवाद को रोकने के लिए यहां जाने पर कुछ पाबंदियां भी लगाई गई थीं।

  4. मुस्लिम समुदाय का मत
    मुस्लिम समुदाय इस विवाद को अनावश्यक मानता है। उनका कहना है कि औरंगजेब का इतिहास जो भी रहा हो, लेकिन उसकी कब्र केवल एक ऐतिहासिक स्थल है और इसे लेकर विवाद करना सही नहीं है।

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बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा
इससे पहले शनिवार को बजरंग दल के नेता नितिन महाजन ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है तो इसका भी बाबरी मस्जिद जैसा ही हश्र होगा। महाजन ने कहा- औरंगजेब की कब्र पर इबादत की जा रही है। संभाजी के हत्यारे की कब्र बनाई जा रही है। जब ऐसी कब्रों पर इबादत की जाती है तो समाज भी उसी तरह विकसित होता है। उस समय हम असहाय थे, लेकिन अब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल मांग कर रहे हैं कि इसे हटाया जाना चाहिए।

हम जानते हैं कि जब हिंदू समुदाय अपने अस्तित्व को लेकर आंदोलन करता है तो क्या होता है। हम सभी ने देखा कि अयोध्या में बाबरी ढांचे को हटाने के लिए क्या हुआ। अगर सरकार कब्र नहीं हटाती है, तो हम कारसेवा करेंगे।

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विरोध के बीच औरंगजेब की कब्र पर बढ़ी सुरक्षा
औरंगजेब की कब्र वाले इलाके में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। विभिन्न स्थानों पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। ऐसी व्यवस्था की गई है कि वहां केवल एक ही व्यक्ति प्रवेश कर सके। औरंगजेब के मकबरे का मुख्य द्वार पुलिस ने बंद कर दिया है। औरंगजेब की कब्र के पास जाना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिलहाल औरंगजेब के मकबरे को बाहर से ही देख सकते हैं।

Aurangabad: Security outside the Mughal emperor Aurangzeb’s tomb, in Aurangabad, Maharashtra, Sunday, March 16, 2025. (PTI Photo) (PTI03_16_2025_000163B)

1707 में बनी थी औरंगजेब की कब्र
दरअसल, मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र महाराष्ट्र के खुल्दाबाद में है। इतिहासकारों के मुताबिक, 1707 में जब औरंगजेब का निधन हुआ, तो उनकी इच्छा के अनुसार उन्हें खुल्दाबाद में उनके आध्यात्मिक गुरु शेख जैनुद्दीन की दरगाह के पास दफनाया गया। यह स्थान छत्रपति संभाजीनगर से करीब 25 किमी दूर है। हमारे WhatsApp चैनल से जुड़ें

औरंगजेब की कब्र एक साधारण मिट्टी की बनी हुई थी, जिसमें बाद में ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड कर्जन ने संगमरमर लगवाया था। इस स्थान को ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है, जहां आज भी लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं।

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