मोदी राज की शुरुआत ” अच्छे दिन आने वाले हैं ” से हुई थी और आजकल हर कोई ये ही कहता है कि अच्छे दिन कब आयेंगे ? मोदी सरकार ने अपने चुनावी वादों में से बेरोजगारों के अच्छे दिन लाने वाले वादे पर काम शुरू कर दिया हैं । बेरोजगार युवाओं के सपने अब पूरे होने वाले हैं, मोदी सरकार तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है, जिसे देखते हुए अच्छे दिन के अपने वादों को पूरा करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जोर है । पीएम मोदी ने सभी मंत्रालयों को निर्देश दिया है कि कैबिनेट को भेजे जाने वाले सभी प्रस्तावों में यह जानकारी जरूर दी जाए कि उन प्रस्तावों पर अमल करने से रोजगार के कितने मौके बनेंगे ।
रोजगार सृजन को लेकर प्रधानमंत्री सक्रिय –
आपको याद ही होगा कि 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने युवाओं को 1 करोड़ रोजगार के अवसर देने का वादा किया था, हालांकि बीते तीन सालों में रोजगार देने के मामले में मोदी सरकार का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बिजनेस अखबार को बताया कि जिस भी प्रस्ताव के साथ कुछ खर्च जुड़ा होगा, उससे देश में रोजगार निर्माण होना ही चाहिए और ऐसे प्रस्ताव के साथ जॉब्स एस्टिमेट दिया जाना चाहिए । सीतारमण ने बताया, ‘जब भी कोई प्रस्ताव चर्चा के लिए आता है तो प्रधानमंत्री कैबिनेट बैठक में पूछते हैं कि रोजगार के कितने मौके बनेंगे?’
बेरोजगारी दूर करने का ये है ऐक्शन प्लान –
अगर एक्शन प्लान कि बात करे तो आर्थिक वृद्धि के साथ रोजगार के मौके बनने की रफ्तार बढ़ाने के लिए नीति आयोग ने तीन साल का प्लान पेश किया है, जिसमें विभिन्न सेक्टरों में रोजगार सृजित करने की बात की गई है । सीआईआई के अनुसार, वित्त वर्ष 2012 से 2016 के बीच भारत में रोजगार के 1.46 करोड़ मौके बने थे । यानी हर साल 36.5 लाख अवसर. कामकाजी उम्र वाले लोगों की संख्या में 8.41 करोड़ का इजाफा हुआ, लेकिन वास्तिक श्रम बल में बढ़ोतरी केवल 2.01 करोड़ रही। कामकाजी उम्र वाली आबादी का 24 प्रतिशत हिस्सा श्रम बल में जुड़ा, जबकि 76 प्रतिशत हिस्सा इससे बाहर रहा ।
हर महीने 15 लाख लोगों की जॉब मार्केट में एंट्री –
बैंकिंग सेक्टर की कंपनी क्रिसिल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 15 लाख से ज्यादा लोग हर महीने देश के जॉब मार्केट में रोजगार तलाशने आते हैं, वहीं मानव श्रम पर निर्भरता घटाने वाले ऑटोमेशन की वजह से स्थिति गंभीर होती जा रही है । सरकार ज्यादा रोजगार पैदा करना चाहती है ताकि आमदनी बढ़े और लाखों लोग गरीबी के जाल से बाहर निकलें । सरकार अपनी मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी की भी समीक्षा भी कर रही है ताकि उसे रोजगार निर्माण के उद्देश्य के मुताबिक बदला जा सके । इकनॉमिक सर्वे 2017 में कहा गया है कि आबादी में युवाओं की अधिक संख्या से ग्रोथ में होने वाली बढ़ोतरी अगले पांच वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगी क्योंकि तब तक कामकाजी उम्र वाले लोगों की संख्या में ठहराव आ चुका होगा, ऐसे में कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा देना जरूरी हो गया है ।
तो बेरोजगारों के अच्छे दिन आने वाले हैं, बाकि इंतजार रहेगा ।
अन्य ख़बरों के लिए https://panchdoot.com// को विजिट करे या निचे कुछ लिंक दिए गए है उनको भी क्लिक कर के पढ़ सकते हैं –
- दुष्कर्म के बाद महज 12 वर्ष की उम्र में मां बनी छात्रा को स्कूल कर्मियों के व्यवहार से तंग आकर छोड़ना पड़ा स्कूल
- बैंक ऑफ इंडिया में भर्ती, सैलरी है 45,000 रुपए
- अखिलेश का खुलासा, पिता मुलायम ने क्या कहा था पीएम मोदी के कान में?
- दुनिया की इन महंगी पानी की बोतलों के सामने विराट कोहली का 600 का पानी कुछ भी नहीं
- इंडियन क्रिकेट टीम की नई जर्सी लॉन्च, देखिए साल 1996-2017 तक बदलते रंग
- Video: पीएम मोदी की इससे बढ़िया मिमिक्री आपने पहले कभी नहीं देखी होगी!
- ये गलतियां नहीं करेंगे तो आसानी से मिल जाएगा अमेरिकी वीजा
- पत्नी पर 24 घंटे नजर रखने के लिए पति ने लगाए 8 CCTV कैमरे, CM योगी को भी किया ट्वीट
- कम पैसे में बिजनेस शुरू करने के 8 बेस्ट आइडिया, महीने की 50 हजार कमाई का मौका
- ये हैं आईपीएल इतिहास की 5 सबसे बड़ी हार
- घिरे केजरीवाल: कपिल मिश्रा का बड़ा आरोप, सत्येंद्र जैन से ली 2 करोड़ की घूस
- AAP घमासान: कपिल बोले केजरीवाल ने लिए 2 करोड़, जानिए कौन है ये कपिल मिश्रा ?
- जॉब्स की खबरों के लिए यहां किल्क कीजिए
- फिल्मों के ट्रेलर और खबरों के लिए यहां किल्क कीजिए
- वीडियो देखने के लिए यहां किल्क कीजिए
- दिनभर की बड़ी खबरों के लिए यहां किल्क कीजिए
(खबर कैसी लगी बताएं जरूर। आप हमें फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर फॉलो भी कर सकते हैं)