खेत मजदूर यूनियन का जिला परिषद पर प्रदर्शन, समस्याओं के समाधान की मांग

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हनुमानगढ़। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, हनुमानगढ़ ने मंगलवार को जिला परिषद पर जोरदार प्रदर्शन किया और मुख्य कार्यकारी अधिकारी को मनरेगा मजदूरों की विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यूनियन ने मनरेगा योजना को भारत की सबसे बड़ी कल्याणकारी योजनाओं में से एक बताया, जो आम नागरिकों को पंचायत स्तर पर रोजगार के अवसर प्रदान करती है। यह योजना गरीबों के लिए आजीविका का एक प्रमुख स्रोत साबित हुई है। लेकिन पिछले कुछ समय से इस योजना से जुड़े मेटों को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ज्ञापन में कहा गया कि मनरेगा मेट्स, जो योजना की मुख्य धुरी हैं, अभी तक संविदा कर्मी या राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किए गए हैं, जबकि उन्हें बार-बार इस मुद्दे पर सूचित किया गया है। इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। यूनियन ने इस स्थिति को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया और मेटों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने की मांग की।
इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले भर में करीब 37 हजार लोगों की राशि अब तक नहीं आई है और लगभग 50 हजार से अधिक पात्र परिवार अभी भी इस योजना का लाभ लेने से वंचित हैं। भूमिहीन परिवारों को भूमि आवंटन में भी समस्याएं आ रही हैं। यूनियन ने इन समस्याओं के समाधान के लिए राज्य सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की।
आंदोलन के दौरान यूनियन ने कई मांगें रखीं, जिनमें मुख्य रूप से मनरेगा मजदूरों और मेटों का बकाया भुगतान लम्बे समय से बकाया है जिसका भुगतान तुरंत किया जाए, मनरेगा मजदूरी को 250 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रति दिन किया जाए, और फर्जी हाजरी की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, ग्राम पंचायत के कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा अपने परिवार और अन्य चंदितों के लिए की गई फर्जी हाजरी की भी शिकायत की गई और इसकी जांच की मांग की गई।
इसके अलावा, मनरेगा कार्यस्थलों पर स्वास्थ्य, पानी, छांव और अन्य सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था की जाए और मजदूरों को 125 दिन का काम दिया जाए। मनरेगा जॉब कार्ड में दो व्यक्तियों के काम के लिए काम दिया जाए और जॉब कार्ड जारी करने के प्रक्रिया में सुधार किया जाए।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र परिवारों को लाभ दिया जाए, भूमिहीनों को भूमि आवंटित की जाए और राज्य सरकार विशेष अलॉटमेंट के तहत भूमिहीनों को भूमि उपलब्ध कराए। जिला प्रशासन से सदभावी कृषि भूमिहीन प्रमाण पत्र जारी करने की भी मांग की गई। साथ ही अतिरिक्त जिला कलक्टर को भूमिहीनों को भूमि देने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा।

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