दिल्ली की हार के बाद पंजाब में गिर सकती है AAP सरकार! मिल रहे हैं बड़े सकेंत

कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि AAP के कई विधायक कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं। इस दावे के बाद AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 11 फरवरी को दिल्ली में पंजाब के सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई है।

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हाल ही में संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद पंजाब की राजनीति में भी उथल-पुथल मच गई है। कांग्रेस ने दावा किया है कि AAP के 20 से अधिक विधायक उनके संपर्क में हैं, जिससे राज्य में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है।

इसी बीच AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के विधायकों को दिल्ली बुलाया है। वे मंगलवार (11 फरवरी) सुबह 11 बजे कपूरथला भवन में सभी विधायकों से मिलेंगे। CM भगवंत मान और सभी मंत्री भी मौजूद रहेंगे। माना जा रहा है कि इसी वजह से पंजाब सरकार की 10 फरवरी को होने वाली कैबिनेट मीटिंग भी टाल दी गई।

कांग्रेस के दावे ने मचाई पंजाब में हलचल
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि AAP के कई विधायक कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं। इस दावे के बाद AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 11 फरवरी को दिल्ली में पंजाब के सभी विधायकों की एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत अन्य प्रमुख नेता शामिल होंगे। AAP के पंजाब मामलों के प्रभारी, जरनैल सिंह ने कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह विपक्ष की ओर से अफवाह फैलाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि पार्टी पूरी तरह से एकजुट है और कांग्रेस के इन दावों में कोई सच्चाई नहीं है।

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वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली में AAP की हार का असर पंजाब की राजनीति पर भी पड़ सकता है। पंजाब में AAP की सरकार है, लेकिन दिल्ली चुनाव परिणामों के बाद पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ सकता है। कांग्रेस इस स्थिति का लाभ उठाकर AAP के विधायकों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है।

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भगवंत मान के प्रचार ने हराये उम्मीदवार
दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान पंजाब के AAP नेताओं ने पंजाब में किए कामों को गिनाया। इनमें 50 हजार सरकारी नौकरियां, 300 यूनिट फ्री बिजली, दिल्ली की तर्ज पर पंजाब में 850 मोहल्ला क्लिनिक खोलने जैसी स्कीमें शामिल थीं। पंजाब CM मान को AAP ने दिल्ली चुनाव के लिए स्टार प्रचारक बनाया था। इसलिए, CM मान ने अपना काम करते हुए दिल्ली में कई रोड शो और रैलियां कीं। हालांकि, AAP को उन कई सीटों पर नुकसान झेलना पड़ा, जहां मान ने प्रचार किया।

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क्या है पंजाब में सीटों का खेल
पंजाब में बहुमत का आंकड़ा 59 का है। ऐसे में अगर 30 विधायक पार्टी छोड़ भी देते हैं तो भी AAP के पास 62 विधायक रहेंगे और सरकार को कोई खतरा नहीं होगा। पंजाब में 2022 में सभी 117 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे, इसमें AAP ने 92, कांग्रेस 18, भाजपा 2, शिरोमणि अकाली दल 3 और बसपा 1 सीट जीती थी।

आपको बता दें, दिल्ली चुनाव में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत पूरी लीडरशिप ने केजरीवाल के लिए वोट मांगे थे। इसके बाद भी पार्टी पिछली बार की 62 सीटों की अपेक्षा महज 22 सीटों पर ही सिमट गई। वहीं, भाजपा ने पिछली बार 8 सीटों से आगे बढ़ते हुए 48 सीटें जीतकर 27 साल बाद दिल्ली में सरकार बना ली।

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