Delhi Election Result: ये 7 बड़ी वजहें बनी AAP के पतन का कारण, जानिए BJP ने कैसे भुनाया मौका?

यह चुनाव साबित करता है कि जनता अब सिर्फ मुफ्त योजनाओं के बजाय स्थायी विकास और स्थिर सरकार को प्राथमिकता दे रही है।

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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे चौंकाने वाले साबित हुए हैं। आम आदमी पार्टी (Arvind Kejriwal AAP) जो पिछले दो चुनावों में भारी बहुमत से सरकार बना चुकी थी, इस बार चुनाव में बुरी तरह पिछड़ गई है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली में पहली बार बहुमत हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। सवाल यह उठता है कि आखिर AAP फेल क्यों हुई और BJP कैसे पास हो गई?

1. भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी AAP दिल्ली चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं पर कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी, शराब नीति घोटाले से जुड़ी जांच और फंडिंग से जुड़े मामलों ने AAP की छवि को भारी नुकसान पहुंचाया। जनता ने इसे पार्टी की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने का कारण माना और BJP की ओर झुकाव दिखाया।

2. मोदी लहर और भाजपा की आक्रामक रणनीति BJP ने इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनके राष्ट्रीय स्तर पर किए गए विकास कार्यों को प्रमुख मुद्दा बनाया। मोदी सरकार की योजनाओं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त राशन योजना और महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं का फायदा भाजपा को मिला।

3. मुफ्त योजनाओं की राजनीति का असर कम हुआ AAP सरकार की मुफ्त बिजली, पानी और बस यात्रा जैसी योजनाएं इस बार वोटर्स को आकर्षित नहीं कर पाईं। जनता ने इस बार मुफ्त सुविधाओं के बजाय स्थायी विकास और सुशासन को प्राथमिकता दी।

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4. हिंदुत्व और राष्ट्रवाद बना भाजपा की ताकत दिल्ली चुनाव में भाजपा ने हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे मुद्दों पर जनता का झुकाव BJP की ओर बढ़ा। साथ ही, दिल्ली में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था को भी बड़ा मुद्दा बनाया गया।

5. केजरीवाल सरकार के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी फैक्टर लगातार 10 साल सत्ता में रहने के कारण केजरीवाल सरकार के खिलाफ जनता में असंतोष बढ़ गया था। AAP सरकार के कामों पर सवाल उठने लगे थे, जिससे BJP को बढ़त मिली।

6. कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन और मुस्लिम वोटों का विभाजन कांग्रेस इस चुनाव में कमजोर रही, जिससे मुस्लिम वोटों का विभाजन हुआ। इसका फायदा BJP को मिला, क्योंकि AAP कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं कर सकी और कई अल्पसंख्यक वोट BJP की ओर शिफ्ट हो गए।

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7. सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार में BJP आगे रही BJP ने इस बार सोशल मीडिया पर जबरदस्त कैंपेन चलाया। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर AAP के खिलाफ जबरदस्त माहौल बनाया गया। वहीं, AAP की रणनीति कमजोर रही, जिससे पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ।

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AAP की हार और BJP की जीत कई कारकों का परिणाम है। भ्रष्टाचार के आरोप, मुफ्त योजनाओं की राजनीति का कम असर, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद, और सोशल मीडिया पर आक्रामक प्रचार ने BJP को जीत दिलाई। यह चुनाव साबित करता है कि जनता अब सिर्फ मुफ्त योजनाओं के बजाय स्थायी विकास और स्थिर सरकार को प्राथमिकता दे रही है।

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