क्रिएटिव हैं तो बनें ज्वैलरी डिजाइनर, जानिए कहां से करें कोर्स

ज्वैलरी डिजाइनिंग में एडमिशन के लिए अभ्यर्थी किसी भी विषय से कक्षा 12वीं पास हो।

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अगर आप अच्छी सैलरी के साथ ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा बनना चाहते है तो ज्वैलरी डिजाइनिंग आपके करियर का बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। इसके लिए आपको क्रिएटिव होना जरूरी है। देशभर में ऐसे कई सरकारी-निजी कॉलेज और संस्थान हैं जो इस क्षेत्र से जुड़े सर्टिफिकेट, डिग्री और डिप्लोमा कोर्स संचालित करते हैं। अगर आप भी कुछ ऐसे कोर्स का हिस्सा बनना चाहते है तो ये खबर आपके लिए है। इस कोर्स से जुड़ी नीचे जानकारी दी गई है…

ये कर सकते हैं कोर्स:

विभिन्न इंस्टीट्यूट ज्वैलरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में डिप्लोमा, एडवांस्ड डिप्लोमा, डिग्री, सर्टिफिकेट, शॉर्ट टर्म और कई जगह के्रश कोर्सेज भी संचालित करते हैं। इसके अलावा एडवांस डिप्लोमा इन एसेसरीज एंड लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स, एडवांस डिप्लोमा इन ज्वैलरी डिजाइन, एसेसरीज डिजाइन में बैचलर ऑफ डिजाइन, सर्टिफिकेट कोर्स इन ज्वैलरी डिजाइन, सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन कास्टिंग टेक्नोलॉजी, सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन एन्ग्रेविंग एंड इनेमलिंग, कम्प्यूटर एडेड ज्वैलरी डिजाइन, डिप्लोमा इन एसेसरी डिजाइन, डिप्लोमा इन ज्वैलरी बिजनेस मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन ज्वैलरी डिजाइनिंग, डिप्लोमा इन एसेसरीज एंड लाइफस्टाइल प्रोडक्ट्स, मास्टर डिप्लोमा इन ज्वैलरी डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, प्रोफेशनल सर्टिफिकेट इन ज्वैलरी डिजाइनिंग, प्रोफेशनल ज्वैलर्स डिप्लोमा आदि हैं।

योग्यता:

ज्वैलरी डिजाइनिंग में एडमिशन के लिए अभ्यर्थी किसी भी विषय से कक्षा 12वीं पास हो। इसके अलावा मास्टर्स में प्रवेश के लिए ग्रेजुएशन में कम से कम 50 फीसदी अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है। इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए क्रिएटिव और आर्टिस्टिक गुण होने जरूरी हैं। आवेदक को विभिन्न प्रकार के पत्थरों,  रंगों की कोडिंग करने का ज्ञान, हीरे, स्कीम्स, पॉलिशिंग एंड फिनिशिंग, प्रेजेंटेशन और फ्रेमिंग, चित्र व आकृतियों को बनाने की नई व पुरानी तकनीकों का ज्ञान, ज्वैलरी बनाने और डिजाइन करने का मूलभूत ज्ञान होना जरूरी है।

इन पद पर कार्य कर सकते हैं:

ज्वैलरी को बनाने से लेकर फिनिशिंग तक का काम करने के चलते अभ्यर्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में कई पद पर नौकरी के अवसर मिल सकते हैं। वे ज्वैलरी डिजाइनर, ज्वैलरी मर्केंडाइजर, एग्जीबिशन मैनेजर, प्रोडक्शन मैनेजर, टे्रनर, कास्टिंग मैनेजर, असिस्टेंट मैनेजर इन एक्सप्लोरेशन, राइटर व ड्राफ्टर, एम्ब्रॉइडरी मेकर व इनोवेटर, म्यूजियम व आर्ट गैलेरी मैनेजर, सेल्स रिप्रेजेंटेटिव, फैशन कंसल्टेंट, इलस्ट्रेटर, एंटरप्रिन्योर, प्लानिंग एंड कॉन्सेप्ट मैनेजर, जैम ग्राइंडर, जैम पॉलिशर, जैमस्टोन अप्रेजर, ज्वैलरी सैटर, जैम असॉर्टर, एन्गे्रवर, साइंटिस्ट, सेल्स एसोसिएट, ज्वैलरी हिस्टोरियन, ग्रेडिंग कंसल्टेंट और ज्वैलरी व्यवसाय के प्रमुख के तौर पर काम कर सकते हैं।

यहां से कर सकते हैं कोर्स

– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइनिंग (निफ्ट), नई दिल्ली

– जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, जयपुर

– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ज्वैलरी, मुंबई

– स्मॉल इंडस्ट्रीज सर्विस इंस्टीट्यूट, चेन्नई

– श्रीमति नाथीबाई दामोदर टे्रनिंग वूमेंस यूनिवर्सिटी, मुंबई

– जेमोलॉजी इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई

– सेंट जेवियर्स कॉलेज, मुंबई

– जेमस्टोन्स आर्टिसन्स ट्रेनिंग स्कूल, जयपुर (राजस्थान)

– इंडियन जेमोलॉजी इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली

– आर्च एकेडमी ऑफ डिजाइन, जयपुर  (राजस्थान)

– इंडियन डायमंड इंस्टीट्यूट, सूरत (गुजरात)

सैलरी

ज्वैलरी डिजाइनिंग के क्षेत्र में फ्रेशर के रूप में कॅरियर की शुरूआत में प्रोफेशनल्स को प्रति माह 10 से 30 हजार रुपए मिल सकते हैं। यदि कोई इस क्षेत्र में एक्सपोर्ट व इम्पोर्ट का बिजनेस करता है तो उसकी कमाई लाखों में हो सकती है।

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