Agriculture budget 2025: किसानों के खुला सरकारी पिटारा, जानिए बजट में क्या है खास?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट पेश कर रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा, हमारा फोकस 'GYAN' पर है। GYAN मतलब- गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति। 10 साल में हमने बहुमुखी विकास किया है।'

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार आठवीं बार बजट पेश कर रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा, हमारा फोकस ‘GYAN’ पर है। GYAN मतलब- गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति। 10 साल में हमने बहुमुखी विकास किया है।’ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों (Agriculture budget 2025) को सस्ते कर्ज की सौगात दी है। वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों के कर्ज लेने की लिमिट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये 5 लाख रुपये करने का एलान किया है।

1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता, आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण, और विपणन सुविधाओं में सुधार प्रदान किया जाएगा। इससे लगभग 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होने की उम्मीद है।

2. मखाना बोर्ड की स्थापना: बिहार में मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड का गठन किया जाएगा। यह बोर्ड मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन, और विपणन को बेहतर बनाने के लिए कार्य करेगा। साथ ही, इस क्षेत्र में कार्यरत लोगों को किसान उत्पादक संगठन (FPO) के रूप में संगठित किया जाएगा।

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3. यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता: यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए, सरकार ने पूर्वी क्षेत्र में तीन निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों को पुनः सक्रिय किया है। इसके अतिरिक्त, असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता वाला एक नया संयंत्र स्थापित किया जाएगा, जिससे यूरिया की आपूर्ति में वृद्धि होगी।

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4. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा में वृद्धि: किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिए जाने वाले अल्पावधि ऋण की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों, और डेयरी किसानों को लाभ मिलेगा, जिससे वे अपनी कृषि गतिविधियों के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकेंगे।

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5. कृषि बजट में 15% की वृद्धि: सरकार ने कृषि क्षेत्र के बजट में लगभग 15% की वृद्धि की है, जो पिछले छह वर्षों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इसका उद्देश्य ग्रामीण आय में सुधार करना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है। इस निधि का उपयोग उच्च उपज वाले बीजों, बेहतर भंडारण और आपूर्ति बुनियादी ढांचे, और दालों, तिलहनों, सब्जियों, और डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा।

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6. दलहन (पल्सेस) उत्पादन बढ़ाना:  देश में दलहन (पल्सेस) उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक छह वर्षीय मिशन की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य उच्च उपज वाली फसलों पर ध्यान केंद्रित करके कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना है।

7. कपास उत्पादन बढ़ाने के लिए पांच वर्षीय मिशन: कपास (कॉटन) उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए एक पांच वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है। इस पहल के माध्यम से, कपास की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा।

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8. छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज में वृद्धि: छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए 100 मिलियन रुपये तक की क्रेडिट गारंटी कवरेज बढ़ाई गई है। इससे कृषि से जुड़े छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने में सुविधा होगी। इन पहलों के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में समग्र विकास को प्रोत्साहित करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

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