जरूरतमंदों को वितरित किए गर्म कंबल, टोपी और जुराबें

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हनुमानगढ़। टाउन के सतीपुरा रोड के किनारे बुधवार को यूथ वीरांगनायें टीम द्वारा एक विशेष समाजसेवी  कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें झुगी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों और उनके बच्चों को गर्म कंबल, टोपी, जुराबें और अन्य जरूरी सामग्री वितरित की गई। इस आयोजन की मुख्य अतिथि सुमन ग्रोवर व निशा थीं, जिन्होंने इस नेक कार्य की सराहना की और यूथ वीरांगनाओं के प्रयासों को प्रोत्साहित किया।कार्यक्रम के दौरान यूथ वीरांगनाएं टीम की सदस्य भावना ने बताया कि यूथ वीरांगनाएं समय -समय पर समाज के विभिन्न वर्गों की मदद के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करती रहती हैं। उनका उद्देश्य समाज के कमजोर और असहाय वर्गों तक सहायता पहुंचाना है। उन्होंने कहा, “हमने मकर संक्रांति, नव वर्ष, 26 दिसम्बर बाल वीर दिवस, होली, दीपावली और वन महोत्सव जैसे पर्वों पर हमेशा ही जरूरतमंदों के बीच खुशियाँ बांटी हैं। इन अवसरों पर पौधरोपण, जागरूकता अभियान, और स्वच्छता दिवस जैसे कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को पर्यावरण और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास कराया है। यूथ वीरांगनाओं  द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में हमेशा समाज की भलाई के लिए कुछ विशेष किया जाता है। इन कार्यक्रमों में मुख्य रूप से असहाय बच्चों, महिलाओं और गरीब परिवारों की मदद की जाती है। महिला दिवस, पृथ्वी दिवस, और स्वच्छता दिवस जैसे राष्ट्रीय उत्सवों पर भी यूथ वीरांगनाएं जन जागरूकता  फैलाने का कार्य करती हैं। यूथ वीरांगनाएं टीम की सदस्य ऐशणा ने बताया इसके अलावा, यूथ वीरांगनाओं द्वारा निशुल्क सिलाई सेंटर, ब्यूटी पार्लर सेंटर और गरीब बच्चों के लिए ट्यूशन की व्यवस्था भी की जाती है। ये सेंटर न केवल गरीब महिलाओं और बच्चों को प्रशिक्षित करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करते हैं। साथ ही, ये संगठन गरीब बच्चों के लिए आवश्यक पाठ्य सामग्री प्रदान करता है ताकि उनका शिक्षा में कोई नुकसान न हो। यूथ वीरांगनाएं टीम की सदस्य सरोज ने कहा यूथ वीरांगनाओं  द्वारा गरीब कन्याओं की शादी के लिए भी सहयोग प्रदान करती हैं, ताकि उन्हें इस महत्वपूर्ण दिन पर कोई भी समस्या न आए। इसके अतिरिक्त, वे समय-समय पर निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित करती हैं, जिसमें गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। यूथ वीरांगनाओं का यह निरंतर प्रयास समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया जाता है। उनकी यह पहल यह साबित करती है कि आज भी समाज में ऐसे लोग हैं जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रमों से यह भी संदेश मिलता है कि सामाजिक जिम्मेदारी सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसे कार्य रूप में भी परिणत किया जाना चाहिए। यूथ वीरांगनाओं की तरह यदि और लोग अपने-अपने स्तर पर मदद के हाथ बढ़ाएं तो समाज में वास्तविक परिवर्तन संभव है। इस मौके पर यूथ वीरांगना कंचन, मीनाक्षी, भावना, सरोज, ऐशना आदि उपस्थित थी

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