वरिष्ठ उपाध्याय स्तर पर संस्कृत विद्यालय क्रमोनित

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हनुमानगढ़। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राजस्थान सरकार ने हनुमानगढ़ के राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर पर क्रमोनित कर दिया है। इस अवसर पर शनिवार को राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय प्रबंध समिति द्वारा एक विशेष अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें हनुमानगढ़ विधायक गणेश राज बंसल, प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय और पार्षद सुनील अमलानी का सम्मान किया गया। समारोह में विधायक गणेश राज बंसल ने कहा कि राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय का वरिष्ठ उपाध्याय स्तर पर क्रमोनित होना क्षेत्र के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से जिले के छात्रों को संस्कृत विषय में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने इस सफलता का श्रेय सभी संबंधित पक्षों को दिया और कहा कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए वह हमेशा प्रयासरत रहेंगे। प्राइवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरुण विजय ने अपने संबोधन में कहा कि इस उपलब्धि को हासिल करने में उनका लंबे समय का संघर्ष रंग लाया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को राजस्थान सरकार तक पहुंचाने के लिए पोस्टकार्ड अभियान चलाया था, जो एक प्रभावी माध्यम साबित हुआ। उन्होंने कहा कि संस्कृत विषय का ज्ञान आज के युवाओं के लिए आवश्यक है और यह विद्यालय उनके लिए शिक्षा के नए मार्ग खोलेगा। पार्षद सुनील अमलानी ने विधायक गणेश राज बंसल की मजबूत नेतृत्व क्षमता और तरुण विजय के अथक प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन दोनों के प्रयासों के कारण हनुमानगढ़ जिले को यह बड़ी सौगात मिली है।

उन्होंने विश्वास जताया कि संस्कृत विद्यालय के क्रमोनित होने से संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और यह जिले के युवाओं को बेहतर अवसर प्रदान करेगा। विद्यालय प्रधानाध्यापक प्रकाश शास्त्री एवं सेवानिवृत अध्यापक सूर्य प्रकाश जोशी ने बताया कि इस निर्णय से क्षेत्र के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के प्रति छात्रों की रुचि बढ़ाने के लिए विद्यालय में विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी। स्थानीय निवासी भी इस कदम से उत्साहित हैं। उन्होंने इसे जिले के शैक्षिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। समारोह में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। संस्कृत भाषा की समृद्धि और महत्व को बनाए रखने के लिए हनुमानगढ़ में वरिष्ठ उपाध्याय स्तर पर संस्कृत विद्यालय की स्थापना एक मील का पत्थर साबित होगी। यह कदम न केवल स्थानीय युवाओं के लिए बल्कि राजस्थान में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी एक प्रेरणादायक पहल है। इस मौके पर प्रधानाध्यापक प्रकाश चंद शास्त्री, संजय शास्त्री, मूलचंद गहलोतरा, सूर्य प्रकाश जोशी, तेज सिंह बराड़, कुलदीप गर्ग, अविनाश बंसल, गुलशन अमलानी, दीपक बंसल, विनीत सेतिया, गोपीराम बाकोलिया, रमेश पंचारिया, राजकुमार भनोट, विनोद अरोड़ा, बलदेव सिंह, सुनील तिवारी, टहल सिंह सिद्धू , राजेश भार्गव, दीपक जिंदल, बलवंत भांबू , गुरचरण सिंह, मनोज सोनी आदि वार्डवासी मौजूद थे।

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