रेल ट्रैक पर तीन दिन में छह गौवंश की मौत, ग्रामीणों में आक्रोश

0
31

हनुमानगढ़। जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित ग्राम पंचायत 2 केएनजे में पिछले तीन दिनों से लगातार ट्रेन की टक्कर से छह गौवंश की मौत हो चुकी है। इस घटना से ग्रामीणों और गौसेवकों में गहरा रोष व्याप्त है। मृत गौवंश को लेकर रेलवे प्रशासन की लापरवाही के विरोध में ग्रामीणों ने जमकर नारेबाजी की। गौसेवक विजय जांगिड़ के अनुसार, पहली घटना 15 दिसंबर की रात हुई जब एक गौधा ट्रेन के आगे आ गया और मर गया। दुर्घटना के बाद गौवंश का शव रेल ट्रैक पर दूर तक घसीटता चला गया। घटना की सूचना रेलवे प्रशासन को दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दूसरे दिन रात्रि में दो और गौवंश मृत गौधे के खून के पास रेलवे ट्रैक पर घूम रहे थे। उसी दौरान एक ट्रेन ने उन्हें भी टक्कर मार दी। इस घटना से एक बड़ी दुर्घटना की संभावना बन सकती थी, परन्तु रेलवे अधिकारियों ने फिर भी इस मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया। कल दिन में तीसरी घटना में एक व गत रात्रि, चौथी घटना में रेलवे ट्रैक के पास घूम रहे दो और गौवंश ट्रेन की चपेट में आ गए। इन घटनाओं के बावजूद रेलवे प्रशासन न तो मरे हुए गौवंश को हटाने का कदम उठा रहा है और न ही गौसेवकों को ऐसा करने की अनुमति दे रहा है।
ग्राम पंचायत के सरपंच बलदेव मक्कासर ने बताया कि उन्होंने स्वयं अपनी जेसीबी के माध्यम से मरे हुए गौवंश को हटाने का प्रयास किया, लेकिन रेलवे अधिकारियों ने ऐसा करने पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। इस रवैये से ग्रामीणों और गौसेवकों में भारी आक्रोश है। गौसेवकों ने बताया कि मरे हुए गौवंश के शव रेल ट्रैक पर पड़े होने से न केवल उनकी दुर्गति हो रही है, बल्कि आवारा कुत्ते उनके शवों को खा रहे हैं। इससे इलाके में गंदगी और संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया है।
गौसेवकों ने इस गंभीर स्थिति की जानकारी जिला कलक्टर को दी। इसके बावजूद, रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। गौसेवकों का कहना है कि रेलवे प्रशासन की यह लापरवाही बड़ी दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है।
गौसेवकों ने चेतावनी दी है कि यदि गुरुवार तक रेलवे प्रशासन मृत गौवंश को हटाने की व्यवस्था नहीं करता, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। इस दौरान उन्होंने रेलवे प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की।
ग्रामीणों और गौसेवकों ने मांग की है कि रेलवे प्रशासन तुरंत सक्रिय होकर मरे हुए गौवंश को ट्रैक से हटाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करे। साथ ही, इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। गौवंश की लगातार हो रही मौतें और प्रशासन की लापरवाही से क्षेत्र में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह आंदोलन बड़े स्तर पर फैल सकता है।

डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।