राज्यसभा में अंबेडकर को लेकर अपनी टिप्पणी पर गृहमंत्री अमित शाह ( Amit Shah) ने कहा कि पिछले सप्ताह संसद में लोकसभा और राज्यसभा दोनों जगह संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और उसके आदर्शों पर चर्चा हुई। उस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की चर्चा होनी थी।
शाह ने कांग्रेस के बयानों और प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बुधवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उन्होंने कहा, ” स्वाभाविक है कि लोकसभा-राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष होते हैं तो हर मुद्दे पर लोगों का नजरिया और दलों का नजरिया अलग होता है। मगर संसद जैसे सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में एक बात साफ होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।”।
इन बयानों के बाद बुधवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को जवाब दिया। मोदी ने X पर 6 पोस्ट किए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस अब अंबेडकर पर नाटक कर रही है। पंडित नेहरू ने चुनाव में अंबेडकर के खिलाफ प्रचार किया था। उन्हें भारत रत्न देने से कांग्रेस ने इनकार किया। एससी-एसटी पर सबसे ज्यादा नरसंहार कांग्रेस के शासन काल में हुए हैं।’
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इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह को रात 12 बजे से पहले बर्खास्त कर दें। खड़गे ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को बुधवार शाम करीब साढ़े चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी और शाह एक-दूसरे के पापों और बातों का बचाव करते हैं।
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— Amit Shah (@AmitShah) December 18, 2024
क्या है मामला?
गृह मंत्री शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कहा था , ‘अभी एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’ कांग्रेस ने इसे अंबेडकर का अपमान बताते हुए शाह के इस्तीफे की मांग की है।
विपक्ष ने की इस्तीफे की मांग
विपक्ष ने गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। तृणमूल कांग्रेस ने शाह के खिलाफ राज्यसभा में विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, ‘शाह ने दलित शख्सियत का अपमान किया है।’ उधर, कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि अगर संविधान ग्रंथ है तो अंबेडकर भगवान हैं।
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मोदी ने कहा, “अगर कांग्रेस और उसके सड़े हुए इकोसिस्टम को लगता है कि वे झूठ बोलकर अपने कुकर्मों को छिपा सकते हैं तो वे गलतफहमी में हैं। भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए गंदी चाल चली।
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शाह ने अंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। यही कारण है कि कांग्रेस अब नाटक कर रही है, लेकिन लोग सच्चाई जानते हैं। कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वह इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उसके शासन में हुए हैं।”
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