गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल, हनुमानगढ़ टाउन में आयोजित विशेष मेडिटेशन सत्र
हनुमानगढ़। टाउन स्थित गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल के बच्चों ने मेडिटेशन के माध्यम से तनाव मुक्त जीवन जीने और पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने का अनूठा तरीका सीखा। यह विशेष सत्र आनंदम मेडिटेशन ग्रुप द्वारा नवभारत का निर्माण अभियान के अंतर्गत आयोजित किया गया। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देना है। इस सत्र का संचालन प्रसिद्ध मेडिटेशन प्रशिक्षक श्रीमती रूबी अरोड़ा ने किया। उन्होंने बच्चों को सिखाया कि किस प्रकार मेडिटेशन की सरल तकनीकों का उपयोग करके वे अपने जीवन को तनाव मुक्त बना सकते हैं और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
मेडिटेशन के दौरान बच्चों ने गहरी सांस लेने की प्रक्रियाएं और मन को शांत रखने की तकनीकें सीखी। रूबी अरोड़ा ने बच्चों को बताया कि कैसे मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों के अत्यधिक उपयोग से बचा जा सकता है। उन्होंने बच्चों को तन और मन से स्वस्थ रहने के लिए ध्यान और योग का महत्व समझाया। उनका मानना है कि बच्चे अगर इन तकनीकों को अपनाएं, तो वे शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बन सकते हैं। सत्र के अंत में स्कूल के प्राचार्य बलकरण सिंह ने बच्चों को नशे से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बच्चों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई और समझाया कि नशा सिर्फ व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि समाज और परिवार को भी बर्बाद कर देता है। उन्होंने कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य और चरित्र देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव है।
उन्होने कहा कि विद्यालय में इस प्रकार के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देना है। प्राचार्य बलकरण सिंह ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम बच्चों को न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाते हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और अनुशासन भी बढ़ाते हैं। बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभाओं को उभारने और उन्हें सकारात्मक दिशा देने के लिए यह कार्यक्रम अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं। विद्यालय के गतिविधि संचालक गुरजिंदर सिंह ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए आनंदम मेडिटेशन ग्रुप और विशेष रूप से श्रीमती रूबी अरोड़ा व रोबिन छोड़ा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने में मदद करते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का माध्यम भी बनते हैं। इस आयोजन में शामिल बच्चों ने इसे अत्यंत लाभकारी बताया। कई बच्चों ने कहा कि उन्होंने पहली बार यह समझा कि मेडिटेशन न केवल तनाव कम करता है, बल्कि उनकी पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में भी उनकी एकाग्रता को बढ़ा सकता है। विद्यालय के प्रबंधन ने यह संकल्प लिया है कि ऐसे कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा, ताकि बच्चों को उनकी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रगति के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। विद्यालय का मानना है कि स्वस्थ और सशक्त बच्चे ही एक सशक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं।
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