पंजाब-हरियाणा बॉर्डर (Farmer Protest) पर पिछले 9 महीने से कैंप लगाकर बैठे किसान आज दोपहर 1 बजे दिल्ली में संसद की ओर मार्च निकालेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में 101 किसान शुक्रवार दोपहर एक बजे पटियाला-अंबाला की सीमा पर स्थित शंभू बॉर्डर (Shambhu Border Protest) से पैदल दिल्ली कूच करेंगे। किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पहले जत्थे में 101 किसान जाएंगे। इसका नाम ‘मरजीवड़ा जत्था’ रखा गया है।
इसमें शामिल किसान हर परिस्थिति में आगे बढ़ेंगे और जान देने के लिए भी तैयार रहेंगे। किसान नेता सरवन पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना होगा। इन्हें नमक दिया जा रहा है ताकि उन पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए तो सांस लेने में दिक्कत ना हो।
#WATCH | Delhi | On farmers ‘Delhi Chalo’ protest, Congress MP Deepender Singh Hooda says, “Earlier when farmers protest had happened, the government had promised MSP to the farmers. Since this promise was not fulfilled, farmers have been protesting at Shambhu border. Today… pic.twitter.com/tOK5HN3Ejh
— ANI (@ANI) December 6, 2024
MSP, कर्जमाफी और पेंशन जैसी मांगों को लेकर 13 फरवरी से धरना दे रहे किसानों को हरियाणा सरकार ने मार्च की इजाजत नहीं दी है। हरियाणा और पंजाब पुलिस अलर्ट है। शंभू बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। नए सिरे से बैरिकेडिंग की गई। जाली, कैमरे और लाउडस्पीकर तक लगाए। अंबाला जिले और खनौरी बॉर्डर पर BNS की धारा 163 (पहले धारा 144) लागू है।
ये भी पढ़ें: आपका मौजूदा लोन महंगा नहीं होगा, न EMI बढ़ेगी, जानिए क्या कुछ कहा- RBI गवर्नर ने
पंचदूत को व्हाट्सऐप पर फॉलो करें, Panchdoot WhatsAPP पर क्लिक करें…
क्या है किसान आंदोलन की मांगे
- सभी फसलें MSP पर खरीदी जाएं, MSP गारंटी कानून बनाई जाएं और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किए जाएं।
- किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्जमुक्ति की जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में फिर से लागू किया जाए. भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति और कलेक्टर रेट से 4 गुना मुआवजा देने की व्यवस्था हो।
- लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सजा और पीड़ित किसानों को न्याय मिले।
- विश्व व्यापार संगठन से भारत बाहर आए. सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसानों और खेत मजदूरों को पेंशन दी जाए।
- दिल्ली किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को एक लाख का मुआवजा और नौकरी दी जाए.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा से प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार, 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए। मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए।
ये भी पढ़ें: Year Ender 2024: इस साल इन 8 सेलिब्रिटी कपल्स के थे सबसे चर्चित ब्रेकअप और तलाक
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां, खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माने का प्रावधान हो और बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाएं
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5 सूची को लागू किया जाए और जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित करते हुए आदिवासियों की जमीन की लूट बन्द की जाए।ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।