महिलाओं के खिलाफ तालिबान का फरमान, नर्सिंग की पढ़ाई पर लगाई पाबंदी, जानें पूरा मामला?

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तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान में महिलाओं की नर्सिंग की ट्रेनिंग पर बैन लगा दिया है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक काबुल में स्वास्थ्य अधिकारियों की हाल ही में बैठक हुई थी जिसमें तालिबान सरकार का फैसला सुनाया गया। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने भी तालिबान सरकार से अपने फैसले पर फिर से विचार करने की अपील की है। मिशन ने कहा कि इस फैसले से देश के हेल्थ सिस्टम और विकास पर बुरा असर पड़ेगा।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा महिलाओं की मौत बच्चों को जन्म देने के दौरान हो जाती है। देश में पहले से ही मेडिकल स्टाफ की कमी है। तालिबान के फैसले से देश पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।तालिबान के इस फैसले से देश में महिलाओं की पढाई का आखिरी रास्ता भी बंद हो गया है। तालिबान ने 2021 में अफगानिस्तान पर दोबारा कब्जा कर लिया था। इसके बाद से वह महिलाओं पर कई पाबंदियां लगा चुका है। सबसे पहले अलग-अलग सरकारी संस्थानों में काम कर रही महिलाओं से उनकी नौकरियां छीनी गई। फिर उनकी पढ़ाई पर पाबंदियां लगाई गई। अफगानिस्तान में महिलाएं सिर्फ छठी कक्षा तक ही पढ़ाई कर सकती हैं।

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इस फैसले पर अब अफगान किक्रेटर्स का बयान सामने आया है। किक्रेटर राशिद खान ने तालिबान के फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि तालिबान के इस फैसले का अफगानिस्तान पर गहरा असर पड़ेगा क्योंकि देश पहले से ही मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। उन्होंने लिखा- इस्लाम में शिक्षा का अहम स्थान है, जिसे पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए जरूरी बताया गया है। अफगानिस्तान में महिलाओं के लिए शैक्षिक और चिकित्सा संस्थानों के बंद होने से मैं काफी दुखी हूं।

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अफगानिस्तान पर लागू है शरिया कानून
तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद कहा था कि देश में शरिया कानून लागू होगा। दरअसल, शरिया इस्लाम को मानने वाले लोगों के लिए एक लीगल सिस्टम की तरह है। कई इस्लामी देशों में इसका इस्तेमाल होता है। हालांकि, पाकिस्तान समेत ज्यादातर इस्लामी देशों में यह पूरी तरह लागू नहीं है। इसमें रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर कई तरह के बड़े मसलों पर कानून हैं। शरिया में पारिवारिक, वित्त और व्यवसाय से जुड़े कानून शामिल हैं। शराब पीना, नशीली दवाओं का इस्तेमाल करना या तस्करी, शरिया कानून के तहत बड़े अपराधों में से एक है। यही वजह है कि इन अपराधों में कड़ी सजा के नियम हैं।

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