नई दिल्ली: बाबरी विध्वंस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि आडवाणी, जोशी, उमा भारती समेत 13 पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई के आदेश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्पेशल कोर्ट 2 साल में मामले की सुनवाई पूरी करे।
मिली जानकारी के अनुसार केस को रायबरेली से लखनऊ ट्रांसफर कर दिया गया है। साथ ही मामले से जुड़े जजों के तबादले पर रोक लगा दी गई है। सीबीआई को आदेश दिया है कि इस मामले में रोज उनका वकील कोर्ट में मौजूद रहेगा।आपको बताते चले कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मौजूदा वक्त में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह पर केस नहीं चलेगा। पद पर होने की वजह से उन्हें केस से छूट दी गई है।
इससे पूर्व 6 अप्रैल के आदेश को सुरक्षित रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम इस मामले में इंसाफ़ करना चाहते हैं. महज़ टेक्निकल ग्राउंड पर इनको राहत नहीं दे सकती और उनके खिलाफ साजिश का ट्रायल चलना चाहिए। हम डे टू डे सुनवाई कर दो साल में सुनवाई पूरी कर सकते हैं।
वहीं आडवाणी की ओर से दोबारा ट्रायल पर आपत्ति जताते हुए कहा गया था कि मामले में 183 गवाहों को फिर से बुलाना होगा, जो काफ़ी मुश्किल है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इन नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश का ट्रायल चलाए जाने की मांग की थी। साथ ही साज़िश की धारा हटाने के इलाहाबाद हाइकोर्ट के फ़ैसले को रद्द किया जाना चाहिए।
क्या था मामला? क्या पड़ेगा असर
लोअर कोर्ट ने हटाए थे आरोप बाबरी ढांचा ढहाए जाने के बाद यूपी के सीएम रहे कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत बीजेपी-वीएचपी के 13 लीडर्स पर आपराधिक साजिश रचने (120बी) का केस दर्ज किया गया था। रायबरेली की लोअर कोर्ट ने सभी पर से ये आरोप हटाने का आदेश दिया था। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी लोअर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था।
तब से अबतक:
दरअसल आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और बीजेपी, विहिप के अन्य नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। इससे संबंधित अपीलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को खारिज करने का आग्रह किया गया है। हाईकोर्ट ने विशेष अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) हटा दी थी।
पिछले साल सितंबर में सीबीआई ने शीर्ष अदालत से कहा था कि उसकी नीति निर्धारण प्रक्रिया किसी से भी प्रभावित नहीं होती और वरिष्ठ भाजपा नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाने की कार्रवाई उसके (एजेंसी के) कहने पर नहीं हुई।
सीबीआई ने एक हलफनामे में कहा था कि सीबीआई की नीति निर्धारण प्रक्रिया पूरी तरह स्वतंत्र है। सभी फैसले मौजूदा कानून के आलोक में सही तथ्यों के आधार पर किए जाते हैं। किसी शख्स, निकाय या संस्था से सीबीआई की नीति निर्धारण प्रक्रिया के प्रभावित होने या अदालतों में मामला लड़ने के उसके तरीके के प्रभावित होने का कोई सवाल नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- आडवाणी समेत बीजेपी नेताओं पर चलेगा आपराधिक साजिश का ट्रायल
- सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला
- रायबरेली से ट्रायल लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ट्रांसफर
- कारसेवकों के मामले के साथ ही चलेगा ट्रायल
- दो साल में ट्रायल पूरी करे स्पेशल कोर्ट
- डे टू डे हियरिं होगी
- लखनऊ की एडिशनल सेशन जज की स्पेशल कोर्ट चार हफ्ते मे। 120 B के चार्ज तय करेंगे
- कल्याण सिंह को राज्यपाल होने की वजह से पद पर बने रहने तक छूट रहेगी
- केस के जज का सुनवाई पूरी होने तक ट्रांसफर नहीं होंगे
- केस का ट्रायल जहां था वहीं से शुरु होगा
- बिना वजह केस की सुनवाई नहीं टलेगी
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