हनुमानगढ़। हिन्द की चादर गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 349 वें शहीदी दिहाड़े के उपलक्ष्य में शनिवार को जंक्शन के गांधीनगर स्थित गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब से नगरकीर्तन निकाला गया। सुबह करीब नौ बजे गुरुद्वारा साहिब से गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया तथा पांच प्यारों की अगुवाई में रवाना हुआ नगर कीर्तन शहर के अलग-अलग हिस्सों से होता हुआ शाम को पुनः गुरुद्वारा साहिब पहुंचकर सम्पन्न हुआ। नगर कीर्तन रवाना होने से पहले गुरुद्वारा प्रधान मुख्य सेवादार अजीत सिंह लेघा, सचिव दर्शन सिंह ने सेवादारों को सरोपा प्रदान कर सम्मान किया। नगर कीर्तन में रागी जत्थों ने सिखी इतिहास और गुरु बाणी से संगत को निहाल किया। नगर कीर्तन में संगत वाहेगुरु का जाप सिमरन तथा शब्द गायन करते हुए चल रही थी। नगर कीर्तन के साथ-साथ झांकियां भी निकाली गईं। नगरकीर्तन का पार्षद गुरदीप सिंह बराड़ बब्बी, पूर्व पार्षद परमजीत अमरजीत सोनी सहित अन्य श्रद्धालुओ द्वारा स्वागत किया गया। प्रबंधक कमेटी की ओर से निकाले गए नगर कीर्तन में शामिल संगत का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
नगर कीर्तन गांधीनगर मोहल्ला, नहरी कॉलोनी, सेक्टर नम्बर छह, गुरुघर कलगीधर सुरेशिया, सिविल लाइंस, पत्रकार कॉलोनी, धानमंडी, सेक्टर नम्बर 12, लोको कॉलोनी से होता हुआ गुजरा। गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब की प्रबंधक कमेटी के मुख्य सेवादार अजीत सिंह लेघा व सचिव दर्शन सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने हिन्दूओं की रक्षा के लिए अपना शीश कुर्बान कर दिया। उनसे सीख लेकर हमें भी सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शहीदी दिहाड़े के उपलक्ष्य में रविवार को अखण्ड पाठ के भोग डाले जाएंगे। इसके बाद सुबह 10 बजे गुरमत समागम होगा। गुरमत समागम में कथावाचक भाई लखवीर सिंह फरीदकोट वाले, ढाडी जत्था जसविन्द्र सिंह अब्बुल खुराना सहित अन्य रागी ढाडी जत्थे गुरु बाणी व गुर इतिहास से संगत को निहाल करेंगे। इस दौरान अटूट लंगर बरतेगा।
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