बड़ी मुश्किल में फंसे गौतम अडाणी, गिरफ्तारी का वारंट जारी, जानें इसके पीछे क्या है अमेरिकी कनेक्शन?

अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के आरोप-पत्र में 8 लोगों के नाम हैं। इसमें 7 लोग भारतीय हैं। इनमें गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी का नाम शामिल है।

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भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी (Gautam Adani) आज एक साथ कई मुसीबतों में घिर गए हैं। दरअसल, अमेरिका में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए उन पर रिश्वत देने और धोखाधड़ी के आरोप लगे। जिसके खिलाफ न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है।

इस खबर के आने के बाद केन्या ने अडाणी ग्रुप के साथ बिजली ट्रांसमिशन और एयरपोर्ट विस्तार की डील रद्द कर दी। दोनों डील 21,422 करोड़ रुपए की थीं। इस नुकसान के बाद, आज अडाणी ग्रुप के 10 में से 8 शेयरों में गिरावट है। इससे पहले गुरुवार को भी अडाणी ग्रुप के 10 में से 9 शेयरों में गिरावट आई थी।

यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। गौतम अडाणी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे। 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था। बुधवार को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है।

हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि गौतम या सागर अडाणी अमेरिकी अदालत में पेश होंगे या नहीं, क्योंकि वे कोर्ट में पेश हुए बिना अपने ऊपर लगे अभियोग खारिज करवाने का प्रयास कर सकते हैं। ब्रूकलिन में अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस के प्रवक्ता ने कहा कि गौतम अडाणी किस देश में रहते हैं, यह स्पष्ट नहीं है। अभी तक कोई भी आरोपी हिरासत में नहीं लिया गया है।

क्या है गौतम अडानी पर आरोप 

  • अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर के अनुसार, अडाणी की कंपनी को हाल ही में केंद्र की कंपनी सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से 12 गीगावॉट (12 हजार मेगावॉट) सौर ऊर्जा देने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। लेकिन, SECI को सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहे थे। खरीदारों के बिना ये डील मुमकिन ही नहीं थी।
  • ऐसे में अडाणी ग्रीन एनर्जी और एज्योर पावर ने सरकारी अफसरों को रिश्वत दी। 2021 में अडाणी आंध्र के तत्कालीन सीएम (जगनमोहन रेड्‌डी) से मिले और वहां की राज्य सरकार 7 हजार मेगावाट बिजली खरीदने के लिए राजी हो गई। आंध्र के अफसरों को प्रति मेगावॉट 25 लाख रु. यानी कुल 20 करोड़ डॉलर (1750 करोड़ रु.) घूस दी गई। ओडिशा ने इसी तरह 500 मेगावॉट बिजली खरीदी।
  • इसके बाद जुलाई 2021 से दिसंबर 2021 के बीच SECI ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु से बिजली खरीदने के समझौते किए।

  • घूस के पैसे देने के लिए दोनों कंपनियों ने कथित तौर पर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से 17.5 करोड़ डॉलर (1478 करोड़ रु.) जुटाए। अपनी भूमिका छिपाने के लिए कोड इस्तेमाल किया। अडाणी का कोड नेम ‘न्यूमेरो यूनो’ या ‘द बिग मैन’ था। डील एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग से की गई।
  • अडाणी पर आरोप है कि रिश्वत के इन पैसों को जुटाने के लिए उन्होंने अमेरिकी निवेशकों और बैंकों से झूठ बोला। अमेरिका में मामला इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि प्रोजेक्ट में अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है।

कौन-कौन है आरोपी
अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट के आरोप-पत्र में 8 लोगों के नाम हैं। इसमें 7 लोग भारतीय हैं। इनमें गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी का नाम शामिल है। वहीं, 1 आरोपी ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस का नागरिक है, लेकिन सिंगापुर में रहता है। इनके अलावा आंध्र प्रदेश के एक बड़े सरकारी अधिकारी सहित दो अन्य लोगों के इस साजिश में शामिल होने की बात कही गई है। हालांकि, इनके नाम की जानकारी नहीं दी गई है।

अडाणी ग्रुप ने सभी आरोपों को आधारहीन बताया
अडाणी ग्रुप ने कहा – ‘अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के डायरेक्टर्स के खिलाफ यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और यूनाइटेड स्टेट्स सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की ओर से लगाए गए आरोप निराधार हैं। हम उनका खंडन करते हैं।


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केन्या ने क्यों रद्द किया कॉन्ट्रैक्ट
केन्या के राष्ट्रपति विलियम रूटो ने आज कहा कि उन्होंने उस खरीद प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दे दिया है जिसके तहत देश के मुख्य हवाई अड्डे का नियंत्रण अडानी समूह को मिलने वाला था। ऐसा कंपनी के फाउंडर गौतम अडानी पर अमेरिका में लगे अभियोगों और आरोपों के चलते किया गया है। इसके अलावा विलियम रूटो ने ये भी कहा कि उन्होंने अडानी समूह के साथ एक और सौदा रद्द करने का निर्देश जारी कर दिया है। इसके तहत 30 साल के 736 मिलियन डॉलर के पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप डील को कैंसिल किया जा रहा है जो अडानी समूह की एक यूनिट के साथ पिछले महीने साइन की गई थी। इस सौदे के तहत केन्या में पावर ट्रांसमिशन लाइन लगाने का कार्य अडानी ग्रुप की कंपनी को करना था।

विलियम रूटो ने कहा “मैंने तत्काल प्रभाव से ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री और एनर्जी एंड पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के साथ अडानी समूह की होने वाली जारी खरीद प्रक्रिया को रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं। सहयोगी देशों और जांच एजेंसियों की तरफ से मिली जानकारी और सूचना के बाद ये फैसला लिया गया है।

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