इराक लड़कियों (Iraq Marriage Age) की शादी की उम्र को लेकर एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है। अब विवाह कानूनों में संशोधन कर लड़कियों की विवाह की उम्र 18 साल से घटाकर नौ साल करने की तैयारी में है। बीते रविवार को प्रस्तावित संशोधित कानून की रूपरेखा सामने आई। जिसके बाद इराक में तो एक वर्ग इसका विरोध कर ही रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर भी इसको लेकर बहस छिड़ गई।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नया कानून बनने के बाद किसी भी उम्र का कोई भी पुरुष नौ साल तक की बच्चियों से शादी कर सकेगा। यही नहीं, नया कानून लागू होने के बाद बच्चियों के पास तलाक लेने, विरासत और बच्चे की हिरासत का अधिकार भी नहीं रह जाएगा।
इराक को लेकर सामाजिक संगठनों की क्या है राय
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून बनने से पहले से ही पूरे इराक में बाल विवाह काफी उच्च दर पर है। वहां पर लगभग 28 फीसद इराकी लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र होने से पहले ही कर दी जाती है। ऐसे में अगर कानून में प्रस्तावित संशोधन पास होकर लागू किए गए तो स्थिति और खराब हो जाएगी।
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वहीं, सामाजिक संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच का कहना है कि कानून में ऐसे संशोधनों से युवा लड़कियों के खिलाफ यौन और शारीरिक हिंसा का खतरा और भी बढ़ जाएगा। लड़कियां शिक्षा और रोजगार की पहुंच से भी वंचित हो जाएंगी। जानकार इस बात की भी चेतावनी दे रहे हैं कि नए कानून से बाल विवाह को कानूनी रूप मिल जाएगा और उनका शोषण खुलेआम होने लगेगा।
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क्या है नया कानून जिसमें निकाह की उम्र 9 साल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इराक की शिया इस्लामिक पार्टियां व्यक्तिगत स्थिति कानून 1888 (Personal Status Law) में संशोधन करने पर विचार कर रही हैं। साल 1959 में पारित यह कानून पश्चिम एशिया में सबसे प्रगतिशील कानूनों में से एक माना जाता था। इस कानून में पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष निर्धारित की गई थी। पुरुषों को दूसरी पत्नी रखने पर प्रतिबंध लगाया था। इस कानून में एक मुस्लिम पुरुष को बिना किसी पूर्व शर्त के गैर-मुस्लिम महिला से विवाह करने की अनुमति भी दी थी।
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हालांकि अब इराक की रूढ़िवादी शिया इस्लामिक पार्टियों के गठबंधन Coordination Framework इस कानून में संशोधन के लिए जोर दे रहा है। स्वतंत्र सांसद रायद अल-मलिकी द्वारा पेश किए गए इस प्रस्तावित संशोधन में महिलाओं के लिए विवाह की न्यूनतम आयु को 18 से घटाकर 9 और लड़कों के लिए 15 करने का प्रावधान है, जिससे बाल विवाह को वैधता मिल जाएगी। मसौदा विधेयक में यह भी कहा गया है कि एक जोड़े को सुन्नी या शिया संप्रदाय में से एक को चुनना होगा।
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क्या है इराक सरकार के तर्क
इराक में शिया पार्टियों के गठबंधन वाली रूढ़िवादी सरकार है. वह अपने इस फैसला का तर्क देकर बचाव कर रही है। इराक की सरकार का कहना है कि नौ साल की उम्र में शादी बनाकर कानून लड़कियों को अनैतिक सम्बंधों से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसीलिए संशोधन का यह प्रस्ताव लाया जा रहा है।
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इसके अलावा इराक की गठबंधन सरकार का दावा है कि प्रस्तावित संशोधन इस्लामी शरिया कानून की सख्त व्याख्या के अनुसार है। कट्टरपंथी सरकार का दावा है कि इसके जरिए युवा लड़कियों की सुरक्षा की जा सकेगी। सरकार ने यह भी उम्मीद जताई है कि संसद में बहुमत के कारण इराकी महिला समूहों के विरोध के बावजूद वह इस कानून को आगे बढ़ाएगी।
कोई अधिकार नहीं बचेगा महिलाओं के पास
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार इस संशोधन के लागू होने के बाद महिलाओं को तलाक, बाल संरक्षण और विरासत के अधिकारों से वंचित कर दिया जाएगा। शिया इस्लामिक पार्टियों का तर्क है कि युवा कियों को “अनैतिक संबंधों” से बचाने के लिए कानून में संशोधन किया जा रहा है।
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