कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना? जो बनें नए CJI, जानें किन बड़े फैसलों में रहे शामिल?

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जस्टिस संजीव खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) देश के 51वें चीफ जस्टिस बन गए हैं। बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की जगह ली है। जस्टिस चंद्रचूड़ रविवार को रिटायर हो गए हैं। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। सुप्रीम कोर्ट जज के तौर पर जस्टिस खन्ना ने 65 फैसले लिखे हैं। इस दौरान वे करीब 275 बेंचों का हिस्सा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में अपने 6 साल के करियर में जस्टिस खन्ना 450 बेंचों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने खुद 115 फैसले लिखे। इसी साल जुलाई में जस्टिस खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को जमानत दी थी। 8 नवंबर को AMU से जुड़े फैसले में जस्टिस खन्ना ने यूनिवर्सिटी को माइनॉरिटी स्टेटस दिए जाने का समर्थन किया है।

चलिए जानते हैं जस्टिस संजीव खन्ना के ऐतिहासिक फैसलें…
जस्टिस संजीव खन्ना बिलकिस बानो केस में फैसला देने वाली बेंच में शामिल थे। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को जमानत भी दी थी। उन्होंने केजरीवाल को एक बार अंतरिम बेल थी और बाद भी उन्हें नियमित बेल दी थी। VPAT का 100% वैरिफिकेशन, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम, आर्टिकल 370 हटाने को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई करने वाली बेंच में जस्टिस संजीव शामिल रहे हैं।

 

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कौन हैं जस्टिस संजीव खन्ना?
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। साल 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में उनका रजिस्ट्रेशन हुआ था। साल 2004 में उन्हें दिल्ली के लिए स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था। साल 2005 में वह दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज बन गए थे और 2006 में परमानेंट जज बन गए थे। इसके बाद 18 जनवरी 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट कर दिया गया था। 13 मई 2025 को उनका रिटायरमेंट है।

बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के बेटे हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एच आर खन्ना के भतीजे हैं। वह लंबित मामलों को कम करने और न्याय मुहैया कराने में तेजी लाने पर जोर देते रहे हैं।

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