दिवाली की रौनक बाजारों के साथ घरों में भी देखने को मिल रही है। दीपोत्सव का त्यौहार लगातार 5 दिन चलता है। धनतेरस (Dhanteras Upay 2024) का त्योहार हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरी और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की पूजा का विधान है। साथ ही, इस दिन 13 दीया जलाने का भी परंपरा है। अब आप सोच रहे होंगे कि 13 दीया जलाने के पीछे क्या कारण है। चलिए आपको बताते हैं…
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर होगी, त्रयोदशी तिथि का समापन बुधवार 30 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसी गोधूल काल में भगवान धनवंतरी की पूजा की जा सकती है। ऐसी स्थिति में धनतेरस 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
धनतेरस पर खरीदारी के 3 शुभ मुहूर्त
- 29 अक्टूबर, मंगलवार को सुबह 10.31 मिनट से 30 अक्टूबर 6.32 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहेगा.
- खरीदारी मुहूर्त – शाम 06.31 – रात 08.13
- तीसरा खरीदारी मुहूर्त – शाम 05.38 – शाम 06.55
धनतेरस पर 13 दीया जलाने के पीछे क्या है मान्यता?
पहला दीया- धनतेरस की शाम जब घर के सभी सदस्य लौटकर घर वापस आ जाएं तो घर के बाहर कचरे के पास दक्षिण की ओर मुंह करके पहला दीया जलाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्य अप्रत्याशित मौत के खतरे से दूर रहते हैं।
दूसरा दीया: दूसरा दीपक घी का जलाकर पूजाघर में रखना चाहिए। इस दीपक में थोड़ा सा केसर डालने से माना जाता है कि मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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तीसरा दीया: अपने परिवार को नजर दोष से बचाने और घर में प्यार और सौभाग्य को बढ़ाने के लिए तीसरा दीपक घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है।
चौथा दीया: धनतेरस के दिन चौथा दीपक घर की तुलसी के पौधे के पास रखें। ऐसा करने से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है।
पांचवां दीया: पांचवा दीपक घर की छत पर रखना चाहिए। ऐसा करने से सभी तरह के दौष दूर होते हैं. यह घर की सुरक्षा का प्रतीक है।
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छठा दीया: धनतेरस का छठा दीपक सरसो के तेल का जलाना चाहिए। जिस पीपल के पेड़ के नीचे रखा जाता है। पीपल के पेड़ में माता लक्ष्मी का वास होता है। माना जाता है कि ऐसा करने से सेहत और पैसों से जुड़ी दिक्कतें खत्म होती हैं।
सातवां दीया: धनतेरस के दिन सातवां दीपक अपने घर के आसपास के किसी भी मंदिर में जाकर जलाना चाहिए। आठवां दीपक-आठवां दीया कूड़े के पास जलाना चाहिए।
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नौवां दीया: घर के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए नौवां दीया अपने वॉशरूम के बाहर रखें। दसवां दीपक-धनतेरस के दिन ग्यारहवें दीये को खिड़की पर सजाएं।
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ग्यारवां दीया: घर पर उत्सव का महौल और जश्न बने रहने के लिए ग्यारवां दीया घर की छत पर रखें।
बारहवां दीया: धनतेरस की रात बेल के वृक्ष के नीचे दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। तेरहवां दीया: तेरहवें दीये को अपने घर के चौराहे पर जलाएं।
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