हनुमानगढ़। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) गुरूवार को किसान प्रतिनिधियों ने प्रशासन व व्यापारियों की मिलीभगत के चलते किसानों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में कलैक्ट्रैट गेट के बीच जमीन पर बैठकर विरोध दर्ज करवाया। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के जिला अध्यक्ष रेशम सिंह माणुका व सुभाष मक्कासर ने बताया कि सरकार किसानों हितेषी होने के बड़े बड़े वायदे कर रही है, परन्तु न तो सरकार किसानों की हितेषी है और न ही प्रशासन। उन्होने बताया कि पिछले वर्ष इलैक्ट्रोनिक कांटे से तुलाई पर समझौता होने के बाद व्यापारियों ने किसानों को लड्डू लाकर खिलाये थे, परन्तु इस वर्ष वही व्यापारी किसानों का बर्बाद करने की मंशा से इलैक्ट्रोनिक कांटे से तुलाई का विरोध कर रहा है व साथ ही किसानों की फसल पर अलग से काट भी लगा रहा है, जिससे किसानों में भारी रोष व्याप्त है।
उन्होने कहा कि किसान अपनी आधे साल की मेहनत एक फसल पर लगाता है और जब खरीद की बारी आती है तो किसान हमेशा अपने आप को ठग्गा सा महसूस करता है। जबकि किसान की फसल खरीदने वाले व्यापारी करोड़ों का मुनाफा कमा कर ऐशो आराम की जिन्दगी जी रहे है। उन्होने कहा कि सरकार नुमाईदा कृषि उपज मण्डी समिति सचिव सब जानते देखते हुए आंखे मूंद कर व्यापारियों का मौन सर्मथन दे रहा है, जिसका किसानों में भारी रोष व्याप्त है। किसान नेता रायसाहब चाहर मल्लड़खेड़ा ने कहा कि एक और सरकार डिजिटल इंडिया बनाने में जुटी है, परन्तु वहीं स्थानीय प्रशासन आज भी आदमकाल के डंडीकांटे से तुलाई करवा रहे है।
जबकि सरकार से स्पष्ट निर्देश है कि तुलाई इलेक्ट्रीक कांटे से होगी, परन्तु फिर भी व्यापारी और स्थानीय प्रशासन के नुमाईदे किसानों को ठगने की मंशा से डंडी काटे से तुलाई करवाना चाहते है, जिसमें प्रति क्विंटल के पीछे आधा किलो से 5 किलो की ठग्गी किसान के साथ होगी। किसानों ने अपने मांग पत्र में मांग की है कि नरमे की तुलवाई सीधा ट्राली समेत इलैक्ट्रानिक कांटे पर की जावे, मण्डी में बोली के दौरान लगभग 3 से 5 क्वि. नरमा नीचे उतार कर बोली करवाई जावे यह काम मण्डी का मजदूर करेगा जिससे क्वालिटि भी चैक हो जावेगी साथ ही मण्डी मजदूर को मजदूरी भी मिल जायेगी, मण्डी में बोली के बाद फैक्टरी में तुलवाई तक की जिम्मेवारी तौला को दी जावे व तौला को तुलवाई फैक्टरी मालिक द्वारा अदा की जावे.
बोली लगने के बाद सीधा ट्राली को फैक्टरी में भेजा जावे जिससे मण्डी में भीड़ कम रहेगी और साथ ही अव्यवस्था फैलने की गुजाईश नहीं रहेगी, मण्डी से फैक्टरी तक नरमा ले जाने पर प्रति क्वि. 15 रूपये खर्चा किसान को दिया जावे, मण्डी समिति द्वारा इलैक्ट्रानिक कांटे स्थापित किये जावें या प्राईवेट फर्मों के कांटे किसानों को उपलब्ध करवाये जावें, अगर मण्डी के अन्दर नरमे की तुलवाई व्यापारी बाक से करेगा तो उससे किसान का कोई लेना देना नहीं है किसान अपनी ट्रोली इलैक्ट्रानिक कांटे पर तुलवाकर मण्डी में ढेरी कर देगा बोली लगने के बाद सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित व्यापारी की रहेगी, मण्डी में अवैध कटौती का रिवाज जो चल रहा है उसको तुरन्त प्रभाव से रोका जावे, किसानों की जागरूकता हेतु व मण्डी नियमों की सूचना बाबत मण्डी में तुला प्रयाप्त पलैक्स लगाये जाने की मांग की। इस मौके पर सुभाष मक्कासर, जाकिर हुसैन, दर्शन जांड अध्यक्ष तोला युनियन, पवन कुमार, रामकुमार, गुरप्यार सिंह, संदीप सिंह, मदन सिहाग, रविन्द्र सिंह व अन्य किसान मौजूद थे।
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