सरकार की हठधर्मिता, किसानों को पहुंचाएगी बड़ा नुकसान, पटवारी हड़ताल पर

0
67

हनुमानगढ़। आधी-अधूरी तैयारी एवं बिना संसाधनों के राज्य सरकार की ओर लागू की गई ऑनलाइन गिरदावरी की व्यवस्था इस बार भी किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। एक महीने से ज्यादा समय होने के बावजूद अब तक गिरदावरी का 25 फीसदी कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। दो दिवसीय सांकेतिक कार्य बहिष्कार के बाद भी सरकार द्वारा कोई प्रभावी कदम न लेने पर पूरे प्रदेश के पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये है। गुरूवार को तीसरे दिन जिला कलैक्ट्रैट के समक्ष पटवारियों का धरना निरन्तर जारी रहा। इस मौके पर सुखदीप,कर्णवीर, अमरसिंह,विनोद राव,विनोद सहू, वासुदेव, देवेंद्र, गोपाल सर, रवि,बबलेश, पुष्पा, कांता जाखड़,सुनीता, ज्योति अरोड़ा,ज्योति चौधरी,पूजा शर्मा व अन्य पटवारी मौजूद रहे। वक्ताओं ने बताया कि राजस्थान पटवार संघ के प्रतिनिधियों द्वारा कई बार अवगत कराने के बावजूद मोबाइल ऐप ‘राज खसरा गिरदावरी’ में आ रही समस्याओं का समाधान नहीं होने से पटवारियों ने गत 3 दिनों से काम बंद कर दिया है।

दो दिवसीय धरने के बाद सरकार द्वारा कोई प्रभावी कार्यवाही नही करने पर अब पूरे प्रदेश के पटवारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसे में गत वर्ष की तरह इस बार भी फसल बीमा कम्पनी क्रॉप कटिंग को निर्धारित समय के बाद की बताकर आपत्तियां लगाएंगी। इसका सीधा नुकसान किसानों को होगा। राजस्व विभाग सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार के निर्देशानुसार मोबाइल ऐप ‘राज खसरा गिरदावरी’ से गिरदावरी 2081 खरीफ का कार्य 15 अगस्त 2024 को शुरू किया गया। पटवारियों ने ग्राउण्ड स्तर पर ऐप से गिरदावरी का कार्य शुरू किया तो कई प्रकार की समस्याएं आईं, जिनका सक्षम स्तर से निरतारण करवाने के लिए लिखा गया।

22 अगस्त को पटवार संघ के प्रतिनिधि मण्डल के साथ अतिरिक्त भू-प्रबंधन आयुक्त की अध्यक्षता में राजस्व मण्डल के अधिकारियों, एनआईसी के अधिकारियों, ऐप डेवलपर की की संयुक्त बैठक हुई। इसमें समस्याओं का समाधान करने के निर्णय लिए गए। लेकिन 25-26 दिनों तक ऐप में संशोधन नहीं हो पाया। आहत होकर राजस्थान पटवार संघ ने ने गिरदावरी कार्य बंद कर दिया। नाराज होकर पटवार संघ ने 17 व 18 सितम्बर को गिरदावरी कार्य के साथ संपूर्ण कार्य बहिष्कार किया। लेकिन सरकार ने कोई सकारात्मक रवैया नहीं दिखाया। ऐसे में अब अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया है।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।