क्यों हो रही है पेरिस पैरालंपिक में Wheelchair Tennis की चर्चा, गूगल ने भी बनाया जश्न, देखें VIDEO

भारत अब तक पेरिस पैरालंपिक्स में कुल 9 मेडल जीत चुका है। मौजूदा खेलों में नितेश कुमार बैडमिंटन में मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने हैं। शूटिंग में अब तक 4 मेडल आ चुके हैं।

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गूगल आज पेरिस पैरालंपिक 2024 को खास अंदाज में सेलिब्रेट कर रहा है। दिव्यांगों के पैरालंपिक को गूगल ने अपने तरीके से सलाम किया है। गूगल ने व्हीलचेयर टेनिस (Wheelchair Tennis) का डूडल बनाकर पैरालंपिक 2024 के प्रति अपना सम्मान और समर्थन जताया है। इस डूडल में दो पक्षियों को एक-दूसरे के साथ टेनिस खेलते हुए दिखाया गया है। पीछे का नजारा पेरिस के खूबसूरत जार्डिन डू पलाइस रॉयल या जार्डिन डेस ट्यूलरीज जैसा दिखता है।

व्हीलचेयर टेनिस दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक बन गया है, जो टेनिस के पारंपरिक तत्वों को अनोखे बदलावों के साथ मिलाता है। फ्रांस के पेरिस में होने वाले 2024 के पैरालंपिक खेलों में व्हीलचेयर टेनिस भी शामिल है, जो 30 अगस्त से 7 सितंबर तक रोलैंड गैरोस स्टेडियम में चलेगा।

व्हीलचेयर टेनिस की टीम
इस प्रतियोगिता में पुरुष, महिला और क्वाड्स कैटेगरी में सिंगल्स और डबल्स मैच शामिल हैं। राष्ट्रीय पैरालंपिक समितियों (NPCs) के पास एथलीटों की भागीदारी के लिए खास नियम हैं, जिसके तहत हर NPC को ज्यादा से ज्यादा 11 क्वालिफिकेशन स्लॉट मिल सकते हैं। इसमें सिंगल्स स्पर्धाओं के लिए अधिकतम चार पुरुष और चार महिला एथलीट, क्वाड सिंगल्स के लिए तीन, पुरुष और महिला डबल्स के लिए दो-दो टीमें और क्वाड डबल्स के लिए एक टीम शामिल है।

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कैसे हुई व्हीलचेयर टेनिस की शुरुआत
इस खेल की शुरुआत 1976 में हुई थी। स्कीयर ब्रैड पार्क्स, जो एक स्कीइंग दुर्घटना के बाद लकवाग्रस्त हो गए थे, इन्होंने ही व्हीलचेयर पर टेनिस खेलने का प्रयोग शुरू किया था। व्हीलचेयर टेनिस और नॉर्मल टेनिस में एक बड़ा अंतर यह है कि स्पेलशल खिलाड़ियों की टेनिस में गेंद को दो बार उछालने की अनुमति होती है।

बता दें, भारत अब तक पेरिस पैरालंपिक्स में कुल 9 मेडल जीत चुका है। मौजूदा खेलों में नितेश कुमार बैडमिंटन में मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने हैं। शूटिंग में अब तक 4 मेडल आ चुके हैं। अवनी लेखरा ने गोल्ड, वहीं मनीष नरवाल ने सिल्वर, मोना अगरवाल और रूबीना फ्रांसिस ने ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधा है। एथलेटिक्स में भी देश को 4 मेडल मिल चुके हैं। निषाद कुमार ने हाई जम्प में सिल्वर, योगेश कथुनिया ने डिसकस थ्रो में सिल्वर, वहीं प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर और 200 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

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