जिलाध्यक्ष सुरेश शर्मा के नेतृत्व में निजी स्कूल संचालकों ने मुख्यमंत्री को लिखे पोस्टकार्ड

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हनुमानगढ़। वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय स्वीकृत करवाने की मांग को लेकर जिले के लोग एकजुट हो रहे है। प्राईवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरूण विजय की अगुवाई में पोस्टकार्ड अभियान में निरन्तर शहर के संगठन अपना सर्मथन दे रहे है। शुक्रवार को प्राइवेट स्कूलों के एसआरएस शिक्षण संस्था संघ के सदस्यों ने जिलाध्यक्ष सुरेश शर्मा के नेतृत्व में समर्थन दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तरुण विजय ने कहा, संस्कृत हमारी प्राचीन धरोहर है और इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है। वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक संस्कृत शिक्षा देने से छात्रों को व्यापक ज्ञान मिलेगा और वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं को और गहराई से समझ सकेंगे। इस क्षेत्र में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों के नौनिहाल जो कि प्राइवेट स्कूलों की भारी भरकम फीस भरने में असमर्थ हैं उनके लिए भी उच्च शिक्षा लेना आसान होगा।

एसआरएस शिक्षण संस्था संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि तरूण विजय के नेतृत्व में एक माह से चल रहे इस संघर्ष के लिए सभी राजनैतिक दल व सामाजिक संगठनो की एकमत राय है कि इस राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक क्रमोन्नत करने से हनुमानगढ़ में संस्कृत शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। अत छात्रों व अभिभावकों की पीड़ा के साथ, संस्कृत भाषा की समृद्धि और महत्व को समझते हुए राज्य सरकार को इसके वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक क्रमोन्नति के आदेश जारी करने चाहिए । तहसील अध्यक्ष महेन्द्र पंचारिया ने कहा कि संस्कृत भाषा न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक ग्रंथों की भाषा है, बल्कि विज्ञान, गणित और ज्योतिष जैसे विषयों में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है। इस विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक क्रमोन्नत करने से छात्रों को इन विषयों का गहन अध्ययन करने का अवसर मिलेगा। विजय सिंह चौहान ने बताया कि संस्कृत भाषा का अध्ययन छात्रों को तार्किक और विश्लेषणात्मक सोच विकसित करने में मदद करता है।

उच्च माध्यमिक स्तर तक संस्कृत शिक्षा से छात्रों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का भी विकास होगा। जिला महामंत्री अशोक सुथार ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित करने से हमारे समाज में भारतीय संस्कृति और परंपराओं की पुनः प्रतिष्ठा होगी। यह विद्यालय उच्च माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत हो, जिससे अधिक से अधिक छात्र इस भाषा का लाभ उठा सकें।  साथ ही संस्कृत भाषा का ज्ञान हमें हमारे गौरवशाली अतीत से जोड़ता है। इस विद्यालय को उच्च माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत करने से छात्रों को भविष्य में संस्कृत विद्वान बनने का अवसर मिलेगा, रोजगार के अवसर बढेंगे, इससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।

अत राज्य सरकार को संस्कृत भाषा एवं विषय के महत्व को समझते हुए इस विद्यालय को हर हालत में उच्च माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत करने के पक्ष में शीघ्रातिशीघ्र आदेश जारी करने चाहिए । इस मौके पर जिलाध्यक्ष सुरेशचन्द्र शर्मा, जिला महामंत्री अशोक सुथार, तहसील अध्यक्ष महावीर पंचारिया, पूर्व तहसील अध्यक्ष विजय सिंह चौहान, रामकुमार रोकणा,, प्रवीण गोयल, चानणराम चौधरी, योगेश शर्मा, विनोद कुमार, राकेश फुटेला, अमित मिश्रा, राम बाबू, विनोद मुण्ड सोमवीर, सुखविन्द्र सिंह बब्बू, संतोष झा व अन्य सदस्य मौजूद थे।

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