वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय स्वीकृत करवाने के लिए पोस्टकार्ड अभियान जारी

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हनुमानगढ़। जिले में वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय स्वीकृत करवाने की मांग को लेकर निरन्तर संघर्ष कर रहे प्राईवेट कॉलेज एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष तरूण विजय द्वारा मुख्यमंत्री के नाम पोस्टकार्ड अभियान जारी है। सोमवार को मार्क कार्यकर्ताओं ने राज्य कमेटी सदस्य रामेश्वर वर्मा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री को राजकीय संस्कृत विद्यालय को वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालय में क्रमोन्नत करने को लेकर पोस्टकार्ड लिखे। तरुण विजय ने कहा कि संस्कृत हमारी सांस्कृतिक तथा सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत भाषा सीखने से ही हम भारतीय संस्कृ‌ति व प्राचीन इतिहास को गहराई से समझ सकते हैं। हमारे वैद, पुराण, रामायण, महाभारत, उपनिषद संस्कृत भाषाऔ में लिखे गये हैं।

अतः यदि हम हमारी संस्कृति को जिंदा रखना चाहते है तो संस्कृत अतिआवश्यक है और यह बिना संस्कृत विद्यालयों के संभव नहीं है। कामरेड रामेश्वर वर्मा ने कहा कि संस्कृत एक वैज्ञानिक भाषा है इसे सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है। संस्कार एवं संस्कृति के संयोग से ही संस्कृत बनी है। हमारी संस्कृति के संरक्षण के लिए संस्कृत पाठशाला उच्च माध्यमिक स्तर तक होनी चाहिए । मनोज बड़सीवाल ने कहा कि वार्डवासी निरन्तर इस विद्यालय को उच्च माध्यमिक स्तर तक करने की मांग कर रहे हैं। कक्षा 8 के बाद संस्कृत विद्यालय न होने के कारण उनके पास कोई विकल्प नहीं बचता है। वे ठगा सा महसूस करते हैं। अत इस विद्यालय का वरिष्ठ उपाध्याय स्तर तक होना अतिआवश्यक है । इस मौके पर रामकुमार सेतिया, सुखविन्द्र सिंह, सोनू सेतिया, इकबाल खान, रेशम सिंह, गुरविन्द्र कुमार, गुरप्रेम सिंह, संजय शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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