TV सीरियल देखने पर 30 बच्‍चों की सरेआम गोली मारकर हत्या, जानें पूरा मामला?

उत्तर कोरिया में जापान, कोरियन और अमेरिकन ड्रामा पर बैन है। वहां केवल रूस का सिनेमा या फिर जिसे सरकार सही मानती है, वही दिखाया जाता है। 

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नॉर्थ कोरिया ( North Korea ) में किम जोंग उन की तानाशाह सरकार ने 30 नाबालिग छात्रों को सरेआम गोली मार दी। नॉर्थ कोरिया में बाल कटाने से लेकर खाने-पीने, टीवी देखने सबके नियम हैं। जिसने नियम तोड़े, उसको मौत की सजा मिलना तय है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें दावा किया गया है कि विदेशी टीवी सीरियल देखने पर 30 बच्चों को मौत की सजा दी है।

इन छात्रों पर आरोप था कि उन्होंने साउथ कोरिया में बने सीरियल देखे थे, जिन्हें कोरियन ड्रामा या के-ड्रामा कहा जाता है। कोरियाई अखबार ‘जोंगआंग डेली’ के मुताबिक घटना पिछले हफ्ते की है जिसकी जानकारी अब सामने आई है।

साउथ कोरिया के स्थानीय टीवी चैनल ‘चोसुन’ के मुताबिक छात्रों ने पेन ड्राइव में स्टोर किए गए कई साउथ कोरियान ड्रामा देखे थे। इन पेन ड्राइव्स को पिछले महीने सिओल से गुब्बारों के जरिए नॉर्थ कोरिया भेजा गया था। फिलहाल, दक्ष‍िण कोर‍िया के अफसरों ने इन दावों पर कोई सीधी टिप्‍पणी नहीं की है। साउथ कोर‍िया के एक अध‍िकारी जोंगआंग डेली ने कहा कि ‘हमें पता है क‍ि नॉर्थ कोरिया में क्‍या हो रहा है, यह रिपोर्ट इस बात का सबूत है।

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क्या है नॉर्थ कोरिया फिल्म देखने के नियम?
उत्तर कोरिया में जापान, कोरियन और अमेरिकन ड्रामा पर बैन है। वहां केवल रूस का सिनेमा या फिर जिसे सरकार सही मानती है, वही दिखाया जाता है। नॉर्थ कोरिया के दिसंबर 2020 में लागू हुए रिएक्शनरी आइडियोलॉजी एंड कल्चर रिजेक्शन एक्ट के तहत साउथ कोरियन मीडिया को लोगों तक पहुंचाने वाले को मौत की सजा और देखने वालों के लिए 15 साल तक जेल की सजा का प्रावधान है।

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इस कानून के तहत किताबें, गीत और तस्वीरें भी शामिल हैं। इसमें एक नियम के तहत साउथ कोरिया की भाषा और गाना गाने के तरीके का इस्तेमाल करने पर दो साल तक जबरन मजदूरी कराई जा सकती है। पिछले महीने भी 17 साल के करीब 30 नाबालिगों को आजीवन कारावास और मौत की सजा सुनाई गई थी। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जनवरी में दो नाबालिगों के पास कोरियन वीडियो मिली थी, जिसके बाद उन्हें 12 साल की कठोर मजदूरी की सजा सुनाई गई थी।

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