सत भक्ति करने से पाप कर्म समाप्त होते हैं -संत रामपाल जी महाराज

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हनुमानगढ़।बात अध्यात्म की हो तो भारत वर्ष अग्रणीय हैं, अध्यात्म क्षेत्र मै जाए तो भारत विश्व गुरु था, प्राचीनकाल से ही गुरु का बड़ा महत्व है यदि हम अध्यात्म की बात करें संत महंतों या अनेक गुरुओं का नाम देखने को मिलता है, आध्यात्मिक क्षेत्र में भक्ति मार्ग बताने वाले कई गुरु संत महंत है लेकिन आजकल जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज अपने प्रवचनों को लेकर सुर्खियों में है।
 आज दिनांक 7जुलाई 2024 को  हनुमानगढ़ के जंक्शन शहर के प्रजापति सेवा समिति धर्मशाला में  मुनींद्र धर्मार्थ ट्रस्ट कुरुक्षेत्र हरियाणा की ओर से संत रामपाल जी महाराज का सत्संग प्रवचन एलईडी के माध्यम से संपन्न हुआ, जिसमें संत जी ने हर धर्म ग्रंथो को सत्संग का आधार बनाकर सद ग्रंथों में छुपे हुए गूढ़ रहस्यों को मानव समाज के सामने उजागर किया, आध्यात्मिक ज्ञान के अभाव में परमात्मा के विधान से अपरिचित होने के कारण जीव इस दुखों के घर संसार में कष्ट झेल रहा है इन दुखों से छुटकारा पाने का एकमात्र समाधान सत्य भक्ति है,
 जो प्राणी शास्त्र के अनुकूल सत्य भक्ति करता है और पूर्ण गुरु से नाम दीक्षा लेकर वह इस कष्ट और दुखों से छुटकारा प्राप्त कर मनुष्य जन्म में सुख प्राप्त कर मोक्ष को प्राप्त होता है, आज सत्संग को सुनकर कई लोगों ने संत जी से नाम दीक्षा ली, और संत जी के मार्गदर्शन पर चलने का संकल्प कर बुराइयों नशा आडंबर, पाखंडवाद का त्याग किया।
जिला स्योंजक पवन दास स्वामी और तहसील सेवादार प्रेम प्रकाश दास ने बताया कि सतगुरु रामपाल जी महाराज जी के मुख्य उद्देश्य मनुष्य को सत भक्ति प्रदान करना शास्त्र के अनुकूल और कबीर साहिब जी के बताए हुए पद चिन्हों पर चलकर पाखंडवाद ,आडंबर, नशा चोरी ,रिश्वतखोरी ,दहेज प्रथा जैसी कुप्रथा को संत रामपाल जी महाराज के सानिध्य में ज्ञान से आधार पर धीरे-धीरे समाज से समाप्त की जा रही है, सत्संग में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चाय पानी की व्यवस्था सेवादारों द्वारा  व्यवस्थाएं संभाली गई ।
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