GST कानून को ऐसे समझिए: जानिए देश के टैक्स सिस्टम में क्या होंगे 10 बड़े बदलाव

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नई दिल्ली: GST (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े 4 विधेयकों को लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी दे दी। अब यह 1 जुलाई से लागू होना तय माना जा रहा है। वित्त सचिव अशोक लवासा ने एसोचैम के कार्यक्रम में कह भी दिया कि इंडस्ट्री को 1 जुलाई के हिसाब से तैयारी कर लेनी चाहिए। हालांकि सरकार ने बिल में प्रावधानों को अलग-अलग तारीखों पर लागू करने का विकल्प रखा है। नए बिल में केंद्र और राज्य मिलकर अधिकतम 40% तक टैक्स लगा सकते हैं।

रिटर्न तीन महीने के बदले हर महीने भरना होगा। साथ ही कर चोरी या गलत रिफंड जैसे मामलों में दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। बिल में टैक्स अधिकारियों पर भी अंकुश लगाया गया है। छोटी-मोटी गलतियों के लिए वे पेनाल्टी नहीं लगा सकते। काउंसिल ने सालाना 20 लाख रु. तक के कारोबारियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है। जीएसटी से जुड़ी बहुत सी बातें नियम तय होने के बाद साफ होंगी। इसके लिए 31 मार्च को काउंसिल की बैठक होनी है। फिलहाल बिल से जुड़ी कुछ अहम बातें…

क्या बदलाव होगा GST से
जी.एस.टी. यानि गुड्स एंड सर्विस टैक्स, इसे केंद्र और राज्यों के 20 से ज्यादा इनडायरैक्ट टैक्स के बदले लगाया जा रहा है। जी.एस.टी. के बाद एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पैशल एडिशनल ड्यूटी ऑफ  कस्टम, वैट सेल्स टैक्स, सैंट्रल सेल्स टैक्स, मनोरंजन कर, ऑक्ट्रॉय एंड एंट्री टैक्स व लग्जरी जैसे टैक्स खत्म होंगे।

एक नहीं, 3 तरह के टैक्स होंगे
CGST: यानी सैंट्रल जी. एस.टी, इसे केंद्र सरकार वसूलेगी।
SGST: यानी स्टेट जी.एस.टी,  इसे राज्य सरकार वसूलेगी।
IGST: यानी इंटीग्रेटिड जी.एस.टी, अगर कोई कारोबार 2 राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूल कर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी।

आम लोगों को क्या होगा फायदा
टैक्सों का जाल और रेट कम होंगे। अभी हम अलग-अलग सामान पर 30 से 35 प्रतिशत टैक्स देते हैं। जी.एस.टी. में कम टैक्स लगेगा। सभी राज्यों में सभी सामान एक कीमत पर मिलेगा। अभी एक ही चीज 2 राज्यों में अलग-अलग दाम पर बिकती है।

GST से देश के वित्तीय ढांचे में ये 10 बड़े बदलावः
1. GST लागू होने के बाद पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली होगी। अभी तक कुछ टैक्स लगाने का अधिकार केंद्र औॅर कुछ टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को था।

2. राज्य और केंद्र मिलकर सामान और सेवाओं पर टैक्स लगाएंगे। इससे देशभर में वस्तुओं के दाम कम होंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि GST से आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जा रहा है। साथ ही सेहत पर खराब असर डालने वाले सामानों और लग्जरी प्रॉड्क्स पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है।

3. जेटली ने कहा कि जीएसटी के कई टैक्स रेट होना ठीक है। हवाई चप्पल और बीएमडब्ल्यू पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता है। संसद और राज्यों की विधानसभाओं को गुड्स और सर्विसेज पर टैक्स लगाने का अधिकार होगा।

4. जीएसटी काउंसिल में 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। संविधान संशोधन के तहत जीएसटी के तहत पहले पांच साल में किसी राज्य को घाटा होगा, तो उसकी व्यवस्था की जाएगी। टैक्स को लेकर अगर दो राज्यों में विवाद होता है, तो आम सहमति से फैसला लिया जाएगा। जम्मू एवं कश्मीर राज्य को GST कानून के दायरे में नहीं लाया गया है।

5. GST लागू होने से टैक्स में चोरी आसान नहीं होगी।

6. GST के लागू होने के बाद देश भर में गुड्स एवं सर्विसेज की मूवमेंट आसान होगी।

7. GST के लागू होने से आपूर्ति क्षमता बेहतर होगी।

8. इस नई कर व्यवस्था से एकरूपता आएगी और ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा. GST से ऑनलाइन लेनदेन बढ़ेगा और इससे कर देने वालों का दायरा बढ़ेगा. इसका ईमानदार करदाताओं को फायदा मिलेगा।

9. विश्व बैंक के एक अध्ययन में कहा गया है कि GST लागू होने से GDP में 2% का इजाफा होगा।

10. टैक्स दरों की चर्चा करते हुए लोकसभा जेटली ने कहा, अभी हमारे पास कई टैक्स ब्रैकेट्स हैं. ये टैक्स स्लैब्स 0%, 5%, 12%, 18% और 28% हैं. खाने-पीने की अहम चीजों पर 0% टैक्स, जबकि नुकसानदेह या लग्जरी चीज़ों पर अधिक टैक्स रखा गया है।

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