कथावाचक भानु देव शास्त्री ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया

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हनुमानगढ़। जंक्शन सेक्टर 6 स्थित श्री कल्याण कमल आश्रम में चल रही  श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के छठे दिन कथावाचक भानु देव शास्त्री ने श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुना। छठे दिन की कथा की शुरुआत मुख्य यजमान श्रीमती सरला देवी डीपी शर्मा, कविता शर्मा व नीपेन शर्मा ने विधिवत पूजा अर्चना करवाकर की। कथा व्यास भानु देव शास्त्री ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण-रुक्मणि का वेश धारण किए बाल कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। प्रसंग में शास्त्री ने कहा कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी जी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था।

रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा श्रीकृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब श्रीकृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा।

तब युद्ध में श्रीकृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात श्रीकृष्ण ने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया। आयोजन समिति केसदस्यों ने बताया कि 09 मई से 15 मई तक श्री कल्याण कमल आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा, जिसमें अनंत श्री विभूषि 1008 महामण्डलेश्वर स्वामी श्री कमलानंद गिरि जी महाराज, स्वामी श्री सुशांतानंद गिरि जी महाराज के आशीर्वाद से आचार्य पंडित भानूदेव शास्त्री हरिद्वार वाले कथा का वाचन कर रहे है। उन्होने बताया कि नियमित रूप से कथा विश्राम पर भाग्यशाली भक्तजनों को आध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी के माध्यम से सुन्दर सुन्दर उपहार दिये जायेगे व 16 मई को कथा के समापन पर हवन यज्ञ व विशाल भण्डारे का आयोजन होगा। कार्यक्रम में विशेष रूप से लोकराज शर्मा एवं नंदलाल गुप्ता ने टोपिया का वितरण कर भजनों पर नृत्य करते हुए कथा का आनंद उठाया।

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