हनुमानगढ़। नवोनमेश मानव कल्याण संस्थान हनुमानगढ़ के तत्वाधान में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंटीग्रेटेड मेडिकल रिसर्च द्वारा चलाए गए एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर चिकित्सा विज्ञान डिप्लोमा कोर्स के 10 दिवसीय प्रशिक्षण का समापन शुक्रवार को समारोह हुआ। शिविर में पूरे भारतवर्ष से आए हुए विद्यार्थियों ने भाग लिया। शिविर के समापन पर स्थानीय एक्यूप्रेशर एक्यूपंचर विशेषज्ञ विजेंद्र कुमार लखनऊ, जीभ देखकर उपचार करने के विशेषज्ञ अमित कपूर, तेलगाना से आए हुए तल्ला सुमईया, एक्यूप्रेशर एक्यूपंचर विशेषज्ञ सपना सियाग ने एक्यूप्रेशर एवं एक्यूपंक्चर के बारे में विस्तार से बताएं। उन्होंने कहा कि एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर शाश्वत चिकित्सा है।
यह चिकित्सा हमारी भारतीय चिकित्सा है जिससे शरीर के एक्यूपंक्चर प्वाइंटों से हर शारीरिक समस्या का समाधान संभव है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग एलोपैथी के दुष्परिणामों की जानकारी के बिना एलोपैथी की तरफ भाग रहे हैं जो मानव शरीर के लिए बेहद घातक है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में बड़ी से बड़ी बीमारी का इलाज औषधीय पौधों एवं एक्यूप्रेशर के माध्यम से ही होता था। एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर चिकित्सा पद्धति को जीवित रखने और इसके प्रचार प्रसार के लिए नवोनमेश मानव कल्याण संस्था प्रयासरत है। कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त किया प्रशिक्षणार्थियों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। इस मौके पर करणपुर नगरपालिका के अधिशासी अभियंता एवं संस्था के संस्थापक पवन कुमार, राजकीय विद्यालय के प्रधानाचार्य राजकुमार ने एक्यूप्रेशर एक्यूपंचर की उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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