भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन सुनाया

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हनुमानगढ़। निकट गांव जोड़किया में श्रीगौशाला समिति जोड़किया द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ के तहत पाचवें दिन कथावाचक पंडित मनोज कुमार शास्त्री ने भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला का वर्णन सुनाया। कथा की शुरूवात मुख्य यजमान आशीष पारीक ने विधिवत भागवत जी की पूजा अर्चना करवाई जिसके पश्चात कथा की शुरूवात हुई। कथा में खास बात यह रही कि ग्रामीणों ने जनसहयोग से जरूरतमंद परिवार की कन्या के विवाह में सहयोग किया। कार्यक्रम के तहत दोपहर 1 बजे गांव में पहुची बारात का ग्रामीणों द्वारा संयुक्त रूप से स्वागत किया, जिसके पश्चात कथा शुरू हुई। नवदम्पति जोड़े का कथाव्यास के समक्ष जयमाला करवाई गई, जिसके बाद हिन्दू रीति रिवाज से शाम को विवाह समपन्न हुआ। नवदम्पति जोड़े ने श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण भी किया। विवाह में राम प्रताप तरड जोड़किया निवासी समाजसेवी का मुख्य रूप से सहयोग रहा।

श्रीगौशाला समिति के अध्यक्ष दलीप सुथार व आशीष पारीक ने बताया कि नवदम्पति को ग्रामीणों द्वारा रोजमर्रा में घरेलु उपयोग में आने वाला समान फ्रिज, कुलर, सिलाई मशीन, बैड, अलमारी, बर्तन, वांशिग मशीन, एलईडी सहित अन्य उपहार दिये। कथावाचक पंडित मनोज कुमार शास्त्री की प्रेरणा से ग्रामीणों ने उक्त विवाह में सहयोग किया। कथावाचक ने कथा का वाचन करते हुए कहा कि भगवान कृष्ण के पैदा होने के बाद कंस उसको मौत के घाट उतारने के लिए अपनी राज्य की सर्वाधिक बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। पूतना वेश बदलकर भगवान श्रीकृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण उसको मौत के घाट उतार देते हैं। उसके बाद कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन का कार्यक्रम करने की तैयारी करते हैं। भगवान कृष्ण द्वारा उनको भगवान इंद्र की पूजन करने से मना करते हुए गोवर्धन महाराज की पूजन करने की बात कहते हैं। इंद्र भगवान उन बातों को सुनकर क्रोधित हो जाते हैं।

वह अपने क्रोध से भारी वर्षा करते हैं। जिसको देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देख भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर पूरे नगरवासियों को पर्वत को नीचे बुला लेते हैं। जिससे हार कर इंद्र एक सप्ताह के बाद वर्षा को बंद कर देते हैं। जिसके बाद ब्रज में भगवान श्री कृष्ण और गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाने लगते हैं। मौके पर भगवान को छप्पन भोग लगाया गया। उक्त विवा में गौशाला सेवा समिति के अध्यक्ष दलीप कुमार सुथार, सरवन सहारण, कोषाध्यक्ष भगवान सिंह जाखड़, भंवर सिंह राठौड़, लाभ सिंह, आशीष पारीक, सुनील सुथार , मुकेश तरड़ कुलदीप नरूका, अजय सुथार,जयपाल सिंह नरूका, राजू राजस्थानी, सुनील एवम अनिल पचार सहित समस्त ग्राम वासियों का भी सहयोग रहा।  श्रीमद्भागवत कथा एवं गौशाला में मुख्य द्वार निर्माण में मदनलाल, राम कुमार सुथार, बनवारी लाल , डॉक्टर वेद प्रकाश सुथार सहित प्रेम साहू ने अपने सुपुत्र की याद में एक कमरे का निर्माण करवाया है जिन्हे मुख्य यजमान आशीष पारीक व आयोजन समिति े सदस्यों द्वारा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर गौशाला समिति अध्यक्ष दलीप सुथार, कोषाध्यक्ष श्रवण सहारण, आशीष पारीक, भंवर सिंह, रघुवीर गोदारा, मुकेश तरड़, सुनील सुथार, गुरतेज भुल्लर, गुरलाभ सिंह, श्रीभगवान, अशोक सुथार व अन्य ग्रामीण मौजूद थे।

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