नई दिल्ली: UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) और AICTE (भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) ने जानकारी दी है कि देश में 23 यूनिवर्सिटी और 279 टेक्निकल इंस्टीट्यूट फर्जी चल रहे हैं, जिनमें से 7 यूनिवर्सिटी दिल्ली में हैं। कानूनी तौर पर इस तरह का कोई भी संस्थान छात्रों को डिग्री देने, एजुकेशन सर्टिफिकेट देने के हकदार नहीं हैं। इतना ही नहीं यदि वह ऐसा करते भी हैं तो वह सर्टिफिकेट महज एक कागज के टुकड़े से ज्यादा कुछ नहीं है। बता दें AICTE ने इन संस्थानों को नोटिस जारी किया है।
इसके साथ ही अखबारों में विज्ञापन जारी कर छात्रों को चेतावनी दी थी कि वे अगले सत्र में दाखिला लेने से पहले सतर्क रहें। यूजीसी के एक अधिकारी के मुताबिक उन्होंने सभी राज्यों काे उनके यहां मौजूद फर्जी संस्थान और फर्जी यूनिवर्सिटी की लिस्ट भेजी है और सरकार से ऐसे संस्थान और विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई करने को कहा है। तेलंगाना, यूपी, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में काफी संख्या में फर्जी संस्थान और फर्जी विश्वविद्यालय मौजूद हैं।
यह आंकड़ा देश के किसी भी हिस्से में इंजीनियरिंग या अन्य टेक्निकल एजुकेशन देने वाले फर्जी कॉलेज और यूनिवर्सिटी के आंकड़ों में सबसे ज्यादा है। इनके पास वैध अनुमति नहीं है। ऐसे करीब 279 संस्थान देशभर में फैले हैं जो छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
HRD मंत्रालय ने बताया कि फर्जी संस्थानों को लेकर पब्लिक नोटिस भी जारी किया जा चुका है जो अखबारों में भी प्रकाशित किया गया है। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने हाल ही में राज्यसभा में बताया कि मंत्रालय ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर फर्जी संस्थानों की जांच करने के लिए कहा है। छात्रों से धोखाधड़ी करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इन संस्थानों की लिस्ट यूजीसी की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।
पहले भी आ चुके ऐसे मामले:
18 मार्च को कर्नाटक के बेंगलुरू में एक कॉलेज द्वारा छात्रों के साथ ठगी करने का मामला सामने आया था। ये सभी बीबीए, बीकॉम और बीएससी के छात्र थे। ये छात्र पहले सेमेस्टर का पेपर दे चुके थे ,लेकिन अभी तक उनका रिजल्ट घोषित नहीं किया गया था। जब इसके बारे में एक छात्रा ने कॉलेज प्रशासन से पूछा तो कहा गया कि बेंगलुरू विश्वविद्यालय की तरफ से रिजल्ट जारी करने में देरी हो रही है, लेकिन जब छात्रा ने विश्वविद्यालय पहुंचकर इस बारे में पूछा गया तो विश्वविद्यालय ने कहा कि उनके कॉलेज को विश्वविद्यालय से मान्यता ही नहीं मिली है।
इस मामले की शिकायत छात्रा ने जनानाभारथी पुलिस स्टेशन में की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि कॉलेज प्रबंधन ने छात्रों से फीस लेकर उन्हें दाखिला देने की बात कही थी लेकिन असल में उनका दाखिला हुआ ही नहीं। इन फर्जी संस्थानों की जानकारी www.ugc.ac.in और AICTE की वेबसाइट www.aicte-india.org. पर देखी जा सकती है।
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