प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल यानी एक्स से अग्नि-5 मिसाइल के पहले सफल परीक्षण पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।
Proud of our DRDO scientists for Mission Divyastra, the first flight test of indigenously developed Agni-5 missile with Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle (MIRV) technology.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 11, 2024
क्या है अग्नि-5 मिसाइल
अग्नि-5 भारत की पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने बनाया है। ये भारत के पास मौजूद लंबी दूरी की मिसाइलों में से एक है।
किन देशों के पास है इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल
इस समय भारत के अलावा 8 देशों के पास इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल हैं। जिसमें चीन, उतर कोरिया, अमेरिका, रुस, फ्रांस, इजरायल, ब्रिटेन शामिल है।
अग्नि-5 मिसाइल की खासियत
- रेंज 5 हजार किलोमीटर है। अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है।
- मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (MIRV) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है।
- डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है। इसकी स्पीड मैक 24 है, यानी आवाज की स्पीड से 24 गुना ज्यादा।
- लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से इस मिसाइल को कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
- इस्तेमाल भी बेहद आसान है, इस वजह से देश में कहीं भी इसकी तैनाती की जा सकती है।
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