CAA लोकसभा चुनाव से पहले होगा लागू, एक क्लिक पर पढ़ें अमित शाह ने क्या बोला?

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गृह मंत्री अमित शाह ने ET नाउ-ग्लोबल बिजनेस समिट के दौरान एक बड़ी घोषणा की है कि लोकसभा चुनाव से पहले देश में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (Citizenship Amendment Act) (CAA) लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि CAA देश का एक्ट है, इसे हम यकीनन नोटिफाई करेंगे। इसे चुनाव से पहले नोटिफाई किया जाएगा और चुनाव से पहले इसे लागू भी किया जाएगा। इसे लेकर कोई कंफ्यूजन नहीं होना चाहिए। हमारे साथ व्हाट्सऐप चैनल पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने CAA लागू करने का वादा किया था। जब कई देशों में अल्पसंख्यक लोगों पर अत्याचार हो रहे थे, तो कांग्रेस ने रिफ्यूजियों को भरोसा दिलाया था कि वे भारत आ सकते हैं। उन्हें यहां की नागरिकता दी जाएगी। लेकिन, अब कांग्रेस अपनी बात से मुकर रही है।

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गृह मंत्री ने कहा कि हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदायों, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है। CAA किसी की सिटिजनशिप नहीं छीन सकता है, क्योंकि इसमें ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। CAA ऐसा एक्ट है जो बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में अत्याचार सह रहे रिफ्यूजियों को नागरिकता दिलाएगा। आपको बता दें, इससे पहले 12 दिन पहले केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा था कि मैं गांरटी देता हूं कि देशभर में 7 दिनों के अंदर नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू हो जाएगा।

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क्या है सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट
सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी नागरिकता संसोधन अधिनियम यानी सीएए को आसान भाषा में समझा जाए तो इसके तहत भारत के तीन मुस्लिम पड़ोसी देश- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासी इनमें भी 6 समुदाय हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है। इससे पहले भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए किसी भी व्यक्ति को कम से कम 11 साल तक भारत में रहना जरूरी था। नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 के तहत इस नियम को आसान बनाया गया है और नागरिकता हासिल करने की अवधि को 1 से 6 साल किया गया है।

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क्या करता है ये कानून
ये कानून उन्हें खुद ब खुद नागरिकता नहीं देता है बल्कि उन्हें आवेदन करने के लिए योग्य बनाता है. ये कानून उन लोगों पर लागू होगा जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए थे. इस कानून के तहत भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए प्रवासियों को आवेदन करना होगा. इसमें कुछ अहम बातों की पुष्टि करनी होगी-

  • प्रवासियों को दिखाना होगा कि वो भारत में पांच साल रह चुके हैं।
  • उन्हें ये साबित करना होगा कि वे अपने देशों से धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए हैं।
  • वो उन भाषाओं को बोलते हैं जो संविधान की आठवीं अनुसूची में हैं। इसके साथ ही नागरिक कानून 1955 की तीसरी सूची की अनिवार्यताओं को पूरा करते हों।
  • इसके बाद ही प्रवासी आवेदन के पात्र होंगे। उसके बाद भी भारत सरकार निर्णय करेगी कि इन लोगों को नागरिकता देनी या नहीं।

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