harda factory blast: मध्यप्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 11 लोगों की मौत हो गई। 217 लोग घायल हो गए, इनमें फैक्ट्री के 51 मजदूर शामिल हैं। 73 लोग अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। 38 घायलों को हरदा से रेफर किया गया है। अब तक 95 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा चुका है। हरदा जिला अस्पताल में भर्ती मजदूर संदीप ने बताया कि हादसे के वक्त फैक्ट्री में 20-25 मजदूर भी थे।
जिस बेसमेंट में बारूद रखा था और मजदूर काम कर रहे थे, उसका मलबा हटाया जा रहा है। इसके लिए हेडक्वाटर वाराणसी से नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की 35 सदस्यों की टीम आई है।
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मंगलवार देर रात तक 2 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। 51 गंभीर घायलों को भोपाल, इंदौर और नर्मदापुरम रेफर किया गया। कई अब भी लापता हैं। NDRF मलबे में दबे लोगों को निकालने में जुटी है। हालात का जायजा लेने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बुधवार को हरदा जाएंगे। हादसे में फैक्ट्री के आसपास बने 60 घर जल गए। एहतियातन 100 से ज्यादा इमारतों को खाली करा लिया गया।
1.1 6 killed and 59 injured in blast at Cracker factory in Harda (Madhyapradesh) today. May the souls of the deceased rest in peace. We have to be more careful. Not only Hyderabad, many places in Paschim Banga have illegal bomb factories. pic.twitter.com/sYwoBP3zvR
— Dilip Ghosh (@DilipGhoshBJP) February 6, 2024
हरदा एसडीएम केसी परते का कहना है कि फैक्ट्री अनफिट थी। फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इनके खिलाफ हरदा सिविल लाइन थाने में केस दर्ज किया गया है।
प्रशासन की बड़ी लापरावाही आयी सामने
2015 में पहली बार इस फैक्ट्री में धमाका हुआ था, जिसमें 2 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में जुलाई 2021 में कोर्ट ने फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल और जमीन के मालिक दिनेश शर्मा को 10 साल की सजा सुनाई थी। डेढ़ महीने बाद ही जेल से छूटने पर राजेश अग्रवाल ने फिर पटाखे बनाने का काम शुरू कर दिया था। प्रशासन हर बार यहां जांच करता तो गड़बड़ी मिलती।
लाइसेंस भी सस्पेंड किया, लेकिन फैक्ट्री का काम नहीं रुका। जानकर हैरानी क्या आप कल्पना कीजिए यहां हर घर में बारूद रखा था। यही वजह थी कि जब फैक्ट्री में आग लगी तो उसकी चिंगारियों से आसपास के घरों में भी विस्फोट शुरू हो गए। विस्फोट भूंकप से भी तेज थे। ऐसा स्थानीय लोगों का कहना है।
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