निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की मांग

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हनुमानगढ़। रावतसर के चक 2 केबीएम के निवासियों ने बुधवार को जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार को निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की मांग को लेकर राजस्थान अम्बेडकर ईट भट्टा मजदूर यूनियन के बैनर तले ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र बाबरी ने बताया कि चन्द्रभान के पुत्र विजय की अप्राकृतिक मृत्यु के संदर्भ में पुलिस थाना रावतसर द्वारा दिनांक 11.01.2024 को युडी नं 0003/2024 दर्ज कर धारा 174 सी आर पी सी की कार्यवाही की गई। चंद्रभान उस समय अपने पुत्र के मृत्यु शोक के कारण पुलिस के कहे अनुसार उनकी कार्यवाही के दस्तावेजात पर अंगूठे लगाता रहा। अब चन्द्रभान को पता चला है कि पुलिस ने किसी भी तरह का केस दर्ज न करते हुए विजय की मृत्यु को आत्महत्या दिखाया है। जिसके बाद चन्द्रभान पिछले कई दिनों से पुलिस थाना के चक्कर काट रहा है परन्तु उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।

मामले के अनुसार चंद्रभान व चंद्रभान का पुत्र विजय उर्फ कालु वाके चक 2 के बी एम में अवस्थित शुभम ईंट उद्योग ईट भट्टा पर मजदूरी का काम करता था व दिनांक 10.01.2024 को अमावस्या होने के कारण चंद्रभान अपनी पत्नी के साथ सूरतगढ़ अपने घर पर आ गया था। चन्द्रभान का पुत्र विजय व उसकी पत्नी आदि उस दिन भट्टे पर ही थे। विजय के पास पूर्व में एक आशयर ट्रैक्टर दो सिलेंडर पंजाब से खरीद शुदा था। उक्त ट्रेक्टर के समस्त कागजात विजय के सांडू अमृतपाल के पास थे व विजय द्वारा चंद्रभान के दिनांक 10.01.2024 से चार पांच दिन पहले चंद्रभान जब भट्टे पर काम कर रहा था तब उस ट्रैक्टर के कागजात विजय ने अमृत पाल को कहा के उक्त के समस्त कागजात मुझे लौटा दो।

इस पर अमृतपाल व विजय का साले भगवानदास, प्रीतम, ससुर सीताराम, सास लक्ष्मीदेवी, अमृतपाल की पत्नी विरपालकौर, भगवानदास की पत्नी पूनम, प्रीतम की पत्नी प्रिंयका आदि जो वहीं भट्टे पर ही काम करते थे, विजयपाल के कागज मांगने पर विजयपाल के गले पड़ गये और झगड़ा करने लगे तथा कहने लगे कि अगर विजय को कागज दे दिये तो ये यहां पर काम नहीं करेगा और ज्यादा पैसे कमाने के लालच में और ट्रेक्टर लेकर कहीं चला जायेगा व विजय के साथ मारपीट की। अमावस्या को जब चन्द्रभान अपनी पत्नी के साथ सूरतगढ आया हुआ था तो पीछे से मौका पाकर उक्त सभी ने विजय के साथ जानलेवा मारपीट की व उसे मार कर रस्सी से बांधकर लटका दिया ताकि सबको यह लगे कि विजय ने आत्महत्या की।

जब प्रार्थी ने मौका पर जाकर विजय की लाश को जाकर देखा तो विजय की लाश रस्सी से इतनी नीची बांधी गई थी कि उसके घुटने मुड़े हुए थे व पैर जमीन पर लगे हुए थे और हाथों की मुट्टियां बंद थी और एक मुठी में बीड़ी थी। आंखें भी बंद थी, जिससे साफ पता लगता था कि विजय ने कोई आत्महत्या नही की, परन्तु ने विजय की मृत्यु को आत्महत्या दिखाकर केस को बंद कर दिया। ग्रामीणों ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने व निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की है।

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